आगरा : खतरनाक बदला, आगरा में कक्षा दो के छात्र ने ली मासूम की जान
आगरा (जेएनएन)। ताजनगरी आगरा में कक्षा दो के एक छात्र ने बेहद ही खतरनाक बदला लिया। दूसरी कक्षा के छात्र ने अपने बड़े भाई से हुए झगड़े का बदला लेने के लिए एलकेजी में पढऩे वाले पांच वर्ष के मासूम को नाले में फेंककर मार डाला।
इसके बाद वह बारह दिन तक वह गुमराह करता रहा। कल मासूम का शव मिलने पर पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया है। शास्त्रीपुरम के ब्लॉक ए-519 निवासी पप्पू यादव ऑटो चालक हैं और पत्नी ऊषा कोठियों में काम करती हैं। पप्पू ने छोटे बेटे आयुष उर्फ लड्डू (पांच) का प्रवेश इसी वर्ष क्षेत्र के स्कूल में एलकेजी में कराया था। ऊषा के मुताबिक 16 नवंबर को दोपहर में वह सो गई। शाम चार बजे उठने पर आयुष नहीं दिखा। पड़ोसियों ने बताया कि उन्होंने पास में रहने वाले नौ वर्षीय बालक को आयुष को ले जाते देखा था। पूछताछ में उसने आयुष को स्कूल के बाहर छोडऩे की बात कही और फिर गुमराह करता रहा।
इसके बाद तीन-चार दिन पहले मासूम के परिवार के लोगों ने सख्ती की, तो उसने आयुष को नाले में फेंकने की बात बताई। इसके बाद भी परिवार के लोगों को शव नहीं मिला। पिता ने बालक पर आयुष के अपहरण की नामजद रिपोर्ट दर्ज करा दी। आयुष की मां ने बताया कि आरोपी छात्र का बड़े बेटे पीयूष (9) से कंचे खेलने के दौरान झगड़ा हो गया था। बदला लेने के लिए बच्चे को नाले में गिरा दिया। सीओ हरीपर्वत श्लोक कुमार के मुताबिक मासूम को नाले में फेंकने के पीछे बच्चों का झगड़ा होने की बात सामने आई है।
12 दिनों तक उलझी रही पुलिस
मासूम को मारने के आरोपी दूसरी कक्षा में पढऩे वाले छात्र ने परिजनों और पुलिस को अपहरण की कहानी में 12 दिन उलझाए रखा। उसने एक महिला के आयुष को अगवा करने की कहानी रची। पुलिस और परिवार के लोगों से मोहम्मदपुर गांव के कई घरों की तलाशी तक करवा दी। पुलिस के सामने कई महिलाओं पर आरोप लगा दिए। युवकों को भी पुलिस के शक के दायरे में ला दिया। आरोपी छात्र के पिता इंडस्टियल एरिया में एक फैक्ट्री में गार्ड हैं। छात्र पिता को रोज दोपहर में टिफिन देने जाता था।
वह पीयूष को घर से बुलाकर ले जाता था। आरोपी छात्र ने पूछताछ में पुलिस को बताया आयुष को पास के गांव मोहम्मदपुर की एक महिला साथ लेकर गई है। इस पर पुलिस उसे गांव लेकर पहुंची, वहां कई घरों में गई। छात्र ने पुलिस के सामने एक महिला पर आयुष को ले जाने का आरोप लगाया, लेकिन गांव के लोगों ने महिला के सुबह से घर पर होने की गवाही दी। मासूम की मां ऊषा के मुताबिक इस पर आरोपी छात्र अपने बयान से पलट गया, उसने पुलिस को बताया महिला के साथ बाइक सवार युवक भी था। पुलिस पांच घंटे तक गांव में आयुष की तलाश में भटकती रही। रविवार तक वह शाहगंज, बोदला, लोहामंडी तक बालक की खोज में परिवार के लोगों के साथ घूमती रही।
परिवार के लोगों को नहीं था नाले में फेंकने का यकीन
दूसरी कक्षा के छात्र के बदला लेने की नीयत से आयुष को नाले में फेंकने का यकीन पप्पू और ऊषा को भी नहीं था। उनको लग रहा था कि छात्र गुस्से में आयुष को कहीं छोड़ आया है। वह रास्ता भटक गया होगा, किसी न किसी परिवार के पास सुरक्षित मिल जाएगा। कल आयुष का शव मिलने के बाद परिवार के लोगों को यकीन हुआ।
टीवी चैनल के कार्यक्रमों में आक्रामकता
मनोवैज्ञानिक एवं एसोसिएट प्रोफेसर आगरा कॉलेज, डॉ. शिवकुमार सिंह ने बताया कि बच्चे समाज में जो देख रहे हैं उसे ही सीख रहे हैं। टीवी चैनलों पर विभिन्न तरह के कार्यक्रम दिखाए जा रहे हैं। इनमें आक्रामकता होती है। कुछ हद तक अभिभावक भी बच्चों के क्रियाकलाप पर ध्यान नहीं देते। इस सबसे बच्चों में आक्रामकता की प्रवृत्ति बढ़ रही है। वह जो देख रहे हैं उसका प्रयोग अपने से छोटे बच्चों पर कर रहे हैं। ईगो हर्ट होने पर आक्रामक हो जाते हैं, तत्काल प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं। पहले की तरह सहन करने या सोचने का समय नहीं लेते। बच्चों की प्रवृत्ति समाज के लिए खतरे की घंटी है।
पहले भी कई बच्चों को बुरी तरह पीट चुका है
बस्ती की महिलाओं का कहना था कि आरोपी छात्र पहले भी बस्ती के कई बच्चों को बुरी तरह पीट चुका था। एक महीने पहले उसने एक बच्चे के मुंह में बालू भरकर मारने का प्रयास किया था, लेकिन मामला बच्चों के झगड़े का होने के कारण पुलिस तक नहीं गया।
कपड़ों में लिपट कर सोता था
आरोपी छात्र एक सप्ताह से खुद को कपड़ों में लपेटकर सोता था। परिवार के लोगों से उसका कहना था कि सपने में भूत-प्रेत दिखाई देते हैं। मध्य रात्रि जागने के बाद परिजनों को भी नहीं सोने देता था।
आरोपी के परिवार के लोगों ने छपवाए थे पंफलेट
आरोपी छात्र के परिवारीजन भी आयुष की तलाश में जुटे थे। उसकी फोटो लगा पंफलेट छपवाकर आसपास की बस्ती और शहर में कई जगहों पर लगाए थे। इसके अलावा आयुष की तलाश में विभिन्न स्थानों पर आने-जाने का खर्चा भी वही उठा रहे थे। छात्र के माता-पिता का कहना था कि बेटे ने मासूम को नाले में नहीं फेंका है। वह खेलने के दौरान गिर गया होगा। जिस तरह आरोपी के परिजन सक्रिय थे उससे लग रहा है कि उन्हें इस घटना के संबंध में जानकारी थी। शायद इसी वजह से वह पीडि़त परिवार को कोई शक नहीं होने देना चाहते थे।
सात महीने में छह बार घर से भाग चुका है
परिवार के लोगों ने बताया कि छात्र के व्यवहार में सात महीने से बदलाव आया है। वह बात-बात पर उत्तेजित हो जाता है। मारपीट और तोडफ़ोड़ पर आमादा हो जाता है। वह अब तक छह बार घर से भाग चुका है। घर में उत्पात मचाने पर कई बार उसकी पिटाई हुई। इससे नाराज होकर वह घर छोड़कर चला जाता था। कई दिन तक खोजने के बाद परिवार के लोग उसे लाते थे। कुछ महीने पहले वह दस दिन गायब रहा था। तब उसे चाइल्ड लाइन से सुपुर्दगी में लेकर आए थे।
नीलू की सूझबूझ से नहीं भाग सके आरोपी
कल दोपहर नाले से मासूम की लाश बरामद होने के बाद आरोपी छात्र समेत परिवार के लोग घर पर ताला लगाकर जाने की तैयारी में थे। बस्ती की महिला नीलू को इसकी भनक लगने पर सीधे आरोपी के घर पहुंच गई, और उन्हें घर पर ही रोके रखा।