फिरोजाबाद : अशासकीय विद्यालयों के शिक्षको की डिग्री में निकलेगा बड़ा झोल
ब्यूरो/अमर उजाला, फिरोजाबाद । सत्र 2004-05 की बीएड डिग्रियों के फर्जीवाड़े को लेकर परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों की जांच शुरू हो चुकी है। अब तक 151 से ज्यादा शिक्षकों की मार्कशीट फर्जी मिलने से महकमे में खलबली मची हुई है। जबकि अशासकीय जूनियर हाईस्कूल जांच से बचे हैं। जबकि इन विद्यालयों में फर्जीवाड़े से इंकार नहीं किया जा सकता है। इन स्कूलों में भी 2004 के बाद दर्जनों नियुक्तियां हुईं हैं।
डा. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में हुए बीएड डिग्रियों के फर्जीवाड़े के बाद जो भी स्थिति सामने आई है, उसी की सीडी के आधार पर फिलहाल बेसिक शिक्षा विभाग में नियुक्त परिषदीय शिक्षकों की डिग्रियों की जांच करा रहा है। अभी तक अशासकीय जूनियर हाईस्कूलों में नियुक्त शिक्षकों की जांच को लेकर शासन ने दिशा निर्देश जारी नहीं किए हैं।
यहां तो और भी ज्यादा फर्जीवाड़े की स्थिति की गुंजाइश इस बात को लेकर हैं कि तमाम प्रबंधतंत्र अपने चहेतों को नौकरी दिलाने के लिए फर्जीवाड़े का प्रयोग करने से नहीं चूकते हैं। पिछले साल शहर के एक जूनियर स्कूल में प्रथम श्रेणी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को नजर अंदाज कर तृतीय श्रेणी के अभ्यर्थियों की भर्ती कर ली गई।
परिषदीय स्कूलों के शिक्षक तो फिलहाल फर्जी बीएड डिग्रियों की जांच में उलझे हैं। मगर अशासकीय जूनियर हाईस्कूलों के लिए डिग्रियों की जांच की तलवार लटकती दिख रही है। मामला 2004 की फर्जी डिग्रियों का है। बताया जाता है कि इन स्कूलों में 100 से ज्यादा नियुक्तियां इसी दौरान हुई। ऐसे में यदि 2004 के बाद इन स्कूलों में नियुक्त शिक्षकों की बीएड डिग्रियां परखीं गईं तो बड़ा झोल निकल सकता है। बीएसए डा. सचिदानंद यादव का कहना है कि शासन के निर्देश पर जांच प्रक्रिया पूरी की जाएगी।