इलाहाबाद : फर्जीवाड़ा में सैकड़ों बेसिक शिक्षकों की चली जाएगी नौकरी, रिकवरी भी होगी
संजोग मिश्र, इलाहाबाद । फर्जीवाड़े के आधार पर नौकरी हथियाने वाले सैकड़ों परिषदीय शिक्षकों पर कार्रवाई तय है। आगरा विश्वविद्यालय से 2004-05 सत्र में जारी फर्जी अंकपत्र के आधार पर बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों की जांच में चौंकाने वाली रिपोर्ट मिल रही है। दस जिलों की रिपोर्ट में सवा चार सौ से अधिक शिक्षक दागी मिले हैं। इन सभी की बर्खास्तगी तय है।
अभी 65 जिलों की रिपोर्ट आना बाकी है। ऐसे में माना जा रहा है कि फर्जीवाड़ा कर नौकरी पाने वाले शिक्षकों की संख्या हजारों में हो सकती है। हाईकोर्ट के आदेश पर विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा के बीएड सत्र 2004-05 के परिणामों में फर्जी अंकतालिकाओं/परिणामों से संबंधित जांच की थी। एसआईटी रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि 3517 छात्रों का परिणाम अंकित कर दिया गया और 1053 की अंकतालिकाओं से छेड़छाड़ की गई। यानी, कुल 4570 छात्रों को फर्जी अंकतालिकाएं वितरित कर उन्हें विश्वविद्यालय के टेबुलेशन चार्ट में शामिल कर लिया गया।
जांच रिपोर्ट मिलने के बाद सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा ने फर्जी अंकतालिका हासिल करने वालों की सूची 12 अक्तूबर को सभी बीएसए को भेजकर सत्यापन के निर्देश दिए थे। क्योंकि, 2004-05 सत्र के बाद से परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों की कई भर्तियां हुई हैं। जिलों से जो रिपोर्ट मिल रही है उसमें सैकड़ों ऐसे अभ्यर्थी शिक्षक हैं जिनका नाम एसआईटी की फर्जी अंकतालिका वाली सूची में है। अब तक मिली दस जिलों की रिपोर्ट में ही फर्जीवाड़े के आधार पर नौकरी पाने वाले 436 शिक्षकों के नाम का खुलासा हो चुका है।
फिरोजाबाद में 155 शिक्षकों का नाम सामने आया
अकेले फिरोजाबाद में 155 शिक्षकों का नाम जांच में सामने आया है। औरैया में 51, बस्ती 41, बदायूं 88, मऊ 32, चंदौली चार, वाराणसी, जौनपुर एवं हमीरपुर दो-दो एवं बलरामपुर में 11 शिक्षक दागी मिले हैं। कन्नौज में 50 शिक्षकों का नाम फर्जीवाड़ा वाली सूची में है, जिनमें से 16 का तबादला अंतरजनपदीय ट्रांसफर के तहत दूसरे जिलों में हो चुका है।
नौकरी जाएगी, रिकवरी भी होगी
इलाहाबाद। फर्जी डिग्री के आधार पर शिक्षक की नौकरी पाने वालों की नौकरी तो जाएगी ही रिकवरी भी होगी। फर्जी अंकपत्र लगाने वालों के कारण ही मेरिट में उनसे नीचे लेकिन वास्तवित नंबर वाले अभ्यर्थियों को नौकरी नहीं मिल सकी। सूत्रों के अनुसार फर्जीवाड़े में फंसे शिक्षकों से वेतन के रूप में मिले सरकारी धन की वसूली भी होगी।