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इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के शिक्षार्थियों के लिए प्रतिदिन पढ़ाई के साथ एक घंटा चरखा की कताई अनिवार्य कर दी गई

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इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के शिक्षार्थियों के लिए प्रतिदिन पढ़ाई के साथ एक घंटा चरखा की कताई अनिवार्य कर दी गई

अमर उजाला ब्यूरो इलाहाबाद । उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के शिक्षार्थियों के लिए प्रतिदिन पढ़ाई के साथ एक घंटा चरखा की कताई अनिवार्य कर दी गई है। शिक्षा को समाज से जोड़ने के लिए विश्वविद्यालय ने एक चरखा लैब भी स्थापित किया है। यह घोषणा मंगलवार को विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में की गई। इस दौरान 15 हजार शिक्षार्थियों को उपाधि प्राप्त की गई। साथ ही अपने विषयों में टॉपर रहे शिक्षार्थियों को 17 स्वर्ण पदक दिए गए। इससे पूर्व विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक, इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति दिलीप बाबा साहेब भोसले, संविधान विशेषज्ञ सुभाष सी कश्यप और विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एमपी दुबे ने दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का उद्घाटन किया। मुख्य न्यायाधीश ने दीक्षांत भाषण दिया।

समारोह के दौरान सत्र दिसंबर 2016 और जून 2017 की परीक्षा में उत्तीर्ण 7800 छात्रों और 7200 छात्राओं को उपाधि दी गई। स्नातक वर्ग में 3409 पुरुष एवं 2437 महिला शिक्षार्थी, परास्नातक कार्यक्रम में 2629 पुरुष एवं 3773 महिला शिक्षार्थी, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा में 251 पुरुष एवं 122 महिला शिक्षार्थी, डिप्लोमा में 40 पुरुष एवं 83 महिला शिक्षार्थी, प्रमाणपत्र कार्यक्रम में 1406 पुरुष एवं 981 महिला शिक्षार्थी और पीएचडी में 17 पुरुष एवं 13 महिला शिक्षार्थी शामिल हैं। इसके अलावा विभिन्न विद्या शाखाओं में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने कर सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले शिक्षार्थियो को 17 स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। मेडल राज्यपाल ने प्रदान किए। पीएचडी करने वाले 30 छात्रों को दीक्षांत समारोह में शोध उपाधि प्रदान की गई।

कुलाधिपति (चांसलर) स्वर्ण पदक अंबेडकर नगर की छात्रा शिखा पांडेय को दिया गया। शिखा ने एमए संस्कृत की परीक्षा दिसंबर-2016 एवं जून-2017 में प्रथम प्रयास एवं प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की और समस्त विद्या शाखाओं की स्नातक एवं स्नातकोत्तर परीक्षाओं में उत्तीर्ण सभी शिक्षार्थियों में सर्वाधिक 82.56 अंक प्राप्त किए। इस मौके पर न्यायमूर्ति गिरिधर मालवीय, न्यायमूर्ति सुधीर नारायण, डॉ. बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के कुलपति डॉ. अरविंद दीक्षित, इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेंद्र प्रसाद, कमिश्नर आशीष गोयल, डीएम सुहास एलवाई आदि मौजूद रहे। संचालन डॉ. रामजी मिश्र ने किया।

पाठ्यक्रम में शामिल होगी राज्यपाल की पुस्तक
मुक्त विश्वविद्यालय अपने पाठ्यक्रम में राज्यपाल की रचित पुस्तक ‘रचैवेति-चरैवेति’ को शामिल करेगा। यह घोषणा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एमपी दुबे ने की। उन्होंने बताया कि इस पुस्तक को विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर भी अपलोड करा दिया गया है। इस पुरस्तक को एमए संस्कृत समेत सेमेस्टर सिस्टम में अनिवार्य विषय के रूप में शामिल किया जाएगा।

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