हिन्दी नहीं पढ़ सके बच्चे, चार स्कूलों के शिक्षकों का वेतन रोका
जागरण संवाददाता, औरैया :
आधे से ज्यादा शिक्षा सत्र बीतने के बाद भी परिषदीय विद्यालयों में तैनात शिक्षकों की कार्यप्रणाली में सुधार होता नजर नहीं आ रहा है। नामांकन के सापेक्ष जहां बच्चों की उपस्थित कम मिल रही है। वहीं बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता भी अति न्यूनतम है। मंगलवार को बीएसए के निरीक्षण के दौरान चार स्कूलों की शैक्षिक गुणवत्ता न्यूनतम पाई गई। वहीं जैतापुर प्राथमिक विद्यालय के बच्चे घर से लाए हुए बर्तनों में भोजन करते मिले।
विकास खंड क्षेत्र में मंगलवार को बेसिक शिक्षा अधिकारी एसपी यादव ने परिषदीय विद्यालयों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्हें जैतापुर प्राथमिक विद्यालय के बच्चे घर से लाए हुए बर्तनों में भोजन करते मिले। इस पर उन्होंने हेड मास्टर को कड़ी फटकार लगाई तथा उनसे सरकार द्वारा दिए गए बर्तनों की जानकारी की। इस पर वह किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे पाए। इस पर बीएसए ने उन पर प्रतिकूल प्रविष्टि की कार्रवाई की। इसके बाद उन्होंने जैतापुर के ही जूनियर विद्यालय का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने बच्चों से छह का पहाड़ा पूछा। इस पर बच्चे उन्हें पहाड़ा नहीं सुना पाए। उन्होंने विद्यालय के स्टाफ को कड़ी फटकार लगाई। कहा कि बच्चों को पढ़ाते भी हो या सिर्फ बैठ कर गप्पे मारते हो। इसके बाद उन्होंने सुरान के प्राथमिक विद्यालय तथा डेरा बंजारन के प्राथमिक विद्यालय का भी निरीक्षण किया। वहां उन्होंने कक्षा चार के बच्चों से ¨हदी में कुछ जानकारी लेनी चाहिए, लेकिन बच्चे उनको बता न सके। इस पर उन्होंने वहां के स्टाफ को भी कड़ी फटकार लगाई। इसके साथ ही उन्होंने जैतापुर सहित सुरान व डेरा बंजारन के प्राथमिक विद्यालय के अध्यापकों का वेतन रोक दिया। कहा कि सत्र बीतने को है और बच्चों की पढ़ाई का यह स्तर।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एसपी यादव ने बताया कि शिकायतें मिल रही थी। तभी निरीक्षण किया गया। विद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता न्यूनतम पाई गई है। अध्यापकों का वेतन रोक दिया गया है। कहा कि आगे भी विद्यालयों का निरीक्षण जारी रहेगा।