इलाहाबाद : अनुदेशकों का मानदेय बढ़ाने पर जवाब-तलब, यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने भोलानाथ पांडेय और 12 अन्य की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया, समान कार्य समान वेतन के मामले में अगली सुनवाई 19 जनवरी को होगी
विसं, इलाहाबाद : उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत अंशकालिक अनुदेशकों का मानदेय बढ़ाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा है कि इस बीच सरकार जरूरी आदेश पारित कर सकती है। मामले की अगली सुनवाई एक फरवरी को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने भोलानाथ पांडेय और 12 अन्य की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया है।
याचियों की ओर से अधिवक्ता अख्तर अली और विभेंदु मिश्र ने बहस की। राज्य सरकार के अधिवक्ता ने समय की मांग की। गौरतलब है कि अंशकालिक अनुदेशकों का मानदेय 8470 से बढ़ाकर 17 हजार रुपये करने के राज्य सरकार के प्रस्ताव को केंद्र सरकार से हरी झंडी मिल चुकी है। भारत सरकार ने यह स्वीकृति मार्च 2017 में मानव संसाधन और विकास मंत्रलय के पीएबी यानी प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में दे दी थी और मार्च 2017 से ही इसे देने का निर्देश भी दिया गया था। लेकिन, राज्य सरकार ने हीलाहवाली करते हुए इसे 10 महीने से लटकाए रखा। याची का कहना है कि पीएबी की उसी बैठक में शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाकर 10 हजार रुपये और विशेष शिक्षकों का मानदेय 13200 से बढ़ाकर 14500 रुपये किया गया था जिसे सरकार ने देना शुरू कर दिया था।
वेतन भुगतान पर सरकार से मांगी जानकारी : समान कार्य समान वेतन के मामले में एक अन्य याची दक्ष कुमार की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने राज्य सरकार से जानकारी मांगी है कि याची को वेतन भुगतान कब होगा। याचिका पर अगली सुनवाई 19 जनवरी को होगी।