सिद्धार्थनगर : एक अध्यापक के भरोसे 179 छात्र, कैसे हो पढ़ाई, सरकारी के तमाम प्रयास के बाद भी परिषदीय विद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था ढर्रे पर नहीं आ रही
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सिद्धार्थनगर : सरकारी के तमाम प्रयास के बाद भी परिषदीय विद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था ढर्रे पर नहीं आ रही है। स्थिति यह है कि एक अध्यापक के भरोसे 179 छात्रों का भविष्य टिका हुआ है, वह भी पूर्व माध्यमिक विद्यालय में। ऐसे में भला छात्रों की सुचारू पढ़ाई कैसे संभव है, इसका अनुमान सहजता पूर्वक लगाया जा सकता है।
खुनियांव विकास खंड अन्तर्गत धोबहा स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय की। यहां कुल 179 बच्चों का नामांकन है, जबकि इनको पढ़ाने की जिम्मेदारी एकलौती शिक्षिका ऐश्वर्या लता पर है। एक अनुदेशक सुषमा की भी तैनाती है। परंतु 6 से 8 तक की कक्षाओं में जहां विषय विशेषज्ञ अध्यापकों की जरूरत होती है, वहां ऐसी व्यवस्था में कैसे शैक्षणिक व्यवस्था बेहतर हो, इसको आसानी से समझा जा सकता है। इतने बच्चों को यदि दो लोग सिर्फ देखरेख ही कर लें तो बड़ी बात है, पढ़ाई की बात ही अलग है। यही नहीं विभागीय मी¨टग, अभिलेख आदि को पूर्ण करने की जिम्मेदारी भी इसी अध्यापिका को पूरी करनी पड़ती है। इंचार्ज प्रधानाध्यापक का कहना है कि समस्या वास्तव में जटिल है। सिर्फ दो लोग ही यहां तैनात हैं। बच्चे ज्यादा हैं, ऐसे में कक्षाओं को चलाने में बड़ी दिक्कतें होती हैं। समस्या को उच्चाधिकारियों के संज्ञान में दिया गया है, अगर स्टाफ बढ़ा दिया जाए तो स्थिति कुछ बेहतर हो जाए। खंड शिक्षाधिकारी ज्ञानचंद मिश्रा कहना है कि समस्या संज्ञान में है। अध्यापकों की कमी है, जैसे ही कोई व्यवस्था बनती है, इस विद्यालय की समस्या का समाधान कराया जाएगा।