इलाहाबाद : यूपीपीएससी की देरी से प्रतियोगी छात्रों में असंतोष, पीसीएस परीक्षा-2018 पाठ्यक्रम में बदलाव की नीति स्पष्ट नहीं होने से बढ़ी नाराजगी
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इलाहाबाद : सहायक वन संरक्षक (एसीएफ) परीक्षा-2013 के 31 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए जिन 97 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए औपबंधिक रूप से सफल घोषित किया गया है उन्हें इसका आवेदन पत्र सहित अन्य अनुदेश डाउनलोड कर प्रिंट कराने का कार्य छह से 15 दिसंबर तक ही करना होगा और यह आवेदन पत्र 22 दिसंबर 2017 तक आयोग में जमा होंगे। अभ्यर्थियों से कहा गया है कि उप्र लोकसेवा आयोग की वेबसाइट से परंपरागत आवेदन पत्र तथा आवश्यक अनुदेश, आयोग को भेजने के लिए पता पर्ची डाउन लोड कर उसका प्रिंट आउट प्राप्त कर लें।
परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार ने कहा कि साक्षात्कार के लिए सफल अभ्यर्थी आवेदन पत्र को पूरी तरह से भरकर सभी संलग्नकों (उपाधियों, प्रमाण-पत्रों, अंकतालिकाओं, अनुभव प्रमाण-पत्रों तथा अन्य सभी दावों से संबंधित प्रमाण-पत्र) की स्व-प्रमाणित प्रतियां बंद लिफाफे में उस पर आयोग की वेबसाइट से डाउनलोड कर प्रिंट कराई गई पता पर्ची चस्पा कर 22 दिसंबर 2017 की शाम छह बजे तक या उससे पहले, सचिव उप्र लोक सेवा आयोग उप्र (परीक्षा अनुभाग-4) इलाहाबाद को पंजीकृत डाक से भेजें। अभ्यर्थी इस सामग्री को आयोग के गेट संख्या तीन पर स्थित डाक अनुभाग के काउंटर पर व्यक्तिगत रूप से भी उपलब्ध करा सकते हैं। परीक्षा नियंत्रक ने कहा है कि 22 दिसंबर के बाद प्राप्त होने पर आवेदन पत्र स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
गौरतलब है कि सहायक वन संरक्षक परीक्षा-2013 की लिखित परीक्षा उप्र लोकसेवा आयोग ने नौ से 19 अगस्त, 2015 तक इलाहाबाद और लखनऊ केंद्रों पर आयोजित कराई थी। रिक्त 31 पदों पर भर्ती के लिए इस परीक्षा में 2316 अभ्यर्थी शामिल हुए थे, जिनमें आयोग ने 97 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए औपबंधिक रूप से सफल घोषित किया है।
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : उप्र लोक सेवा आयोग की देरी प्रतियोगी छात्रों के गले नहीं उतर रही है। पीसीएस परीक्षा-2018 का परीक्षा पैटर्न बदलने के मामले में है वहीं आरओ/एआरओ (प्रारंभिक) परीक्षा-2016 के निरस्तीकरण की मांग और नए वर्ष के परीक्षा कैलेंडर के संबंध में भी आयोग की ओर से कोई जवाब न मिलने पर छात्रों में निराशा है। कोई हल न निकलते देख आक्रोश पनप रहा है।
प्रतियोगियों की सबसे अधिक नाराजगी 2018 में होने वाली पीसीएस परीक्षा को लेकर है। छात्रों के अनुसार उप्र लोकसेवा आयोग ने कहा था कि यूपीएससी की तर्ज पर इस परीक्षा के पैटर्न में बदलाव होगा। प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा में जहां सामान्य अध्ययन का पेपर ऑब्जेक्टिव आता था उसमें अब मुख्य परीक्षा में यह पेपर सब्जेक्टिव दिया जाएगा, जबकि मौखिक तौर पर ही इसे घोषित किया गया, कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष शांतनु राय ने कहा कि आयोग का कोई रूट प्लान नहीं है। पीसीएस 2018 के पाठ्यक्रम में बदलाव की कोई स्पष्ट सूचना नहीं है। यदि आयोग अचानक बदलाव करता भी है तो यह उन छात्रों के लिए परेशानी बनेगा जो काफी पहले से परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, नए प्रतियोगियों पर इसका असर नहीं होगा। आयोग को परंपरागत प्रतियोगी छात्रों के हित को देखते हुए अपनी नई नीति जल्द स्पष्ट करनी होगी।
प्रतियोगी विनोद पांडेय का कहना है कि नई सरकार में भी उप्र लोकसेवा आयोग कोई निर्णय लेने में विफल दिख रहा है। पेपर लीक के बाद प्राथमिकी दर्ज होने पर भी आयोग ने आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा 2016 पर कोई निर्णय नहीं लिया। साथ ही परीक्षा कैलेंडर व पीसीएस 2018 के पाठ्यक्रम में बदलाव की पारदर्शिता न होने के कारण छात्रों में असंतोष है। प्रतियोगी राजू सिंह का आक्रोश लोअर सबॉर्डिनेट परीक्षा-2015 के रिजल्ट में लेटलतीफी को लेकर है। कहते हैं कि राज्य सरकार पूरे बहुमत में है इसके बावजूद आयोग कमजोरी दिखा रहा है। इन सभी समस्याओं पर प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति एक बार फिर से आंदोलन की रूपरेखा बना रही है। पदाधिकारियों का कहना है कि आयोग का रवैया नहीं बदला तो आंदोलन किया जाएगा।