आजमगढ़ : फर्जी डिग्री लगाकर पिछले कई वर्षों से शासन प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर सहायक अध्यापक बने 29 अध्यापकों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही
आजमगढ़ : फर्जी डिग्री लगाकर पिछले कई वर्षों से शासन प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर सहायक अध्यापक बने 29 अध्यापकों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। इससे दोषी शिक्षकों की नींद उड़ी हुई हैं वहीं सही शिक्षकों के समक्ष संकट उत्पन्न हो गया है। वह डाल-डाल, पात-पात की तर्ज पर चल रहे हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। एडी बेसिक की शासन स्तर पर भेजी गई रिपोर्ट पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सभी 29 शिक्षकों पर कारण बताओ नोटिस जारी कर दी है। इसे लेकर इन शिक्षकों के चेहरे पर हवाइयां उड़ रही हैं।
बता दें कि डा. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के बीएड सत्र 2004-05 में फर्जी अंकतालिकाओं से कुल 29 अभ्यर्थी सहायक अध्यापक बन गए हैं। एडी बेसिक योगेंद्र कुमार की जांच रिपोर्ट में आजमगढ़ के 12, बलिया के 15 और मऊ जनपद के दो शिक्षक फर्जी पाए गए हैं। मंडल आजमगढ़ में इस विश्वविद्यालय से बीएड की डिग्री तमाम छात्रों ने ली है। इनके फर्जी अभिलेखों के आधार पर नियुक्त अध्यापकों को चिह्नित कर उनके विरुद्ध कार्रवाई के लिए लिखा गया था। इस पर एडी बेसिक ने मंडल के तीनों जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारी को नियुक्त शिक्षकों की सूची का विवरण प्रेषित करने का निर्देश दिया था। जांच में सभी 29 सहायक अध्यापक फर्जी पाए गए थे। इनके विरुद्ध तीनों जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को रिपोर्ट दर्ज करवाते हुए बर्खास्तगी के लिए रिपोर्ट भी इलाहाबाद शासन को भेज दी थी। इस बीच जिलाधिकारी चंद्रभूषण ¨सह के निर्देश पर अपर सांख्यिकीय अधिकारी सुनील ¨सह ने 29 अध्यापकों में मात्र चार अध्यापकों को जांच रिपोर्ट के आधार पर 3517 की टेंपर्ड सूची में शामिल होने की बात कही थी। यह सही भी है। इसके अलावा अन्य छात्र 1053 की सूची में हैं। इसमें करीब 11 लोग फर्जी हैं। उनका तर्क भी सही था, लेकिन मंडलायुक्त के कड़े रुख की वजह से उनकी चल नहीं पाई। मामला यह हुआ कि जांच रिपोर्ट को लेकर अध्यापकों व प्रशासन में ठन गई। इस बीच अपर सांख्यिकीय अधिकारी सुनील ¨सह पर तरह-तरह के आरोप भी लगाए गए लेकिन आरोप पूरी तरह निराधार निकले। दूसरी तरफ एडी बेसिक योगेंद्र कुमार अपनी जांच रिपोर्ट को सही मान रहे थे। एडी बेसिक सहित अपर सांख्यिकीय अधिकारी सुनील ¨सह की रिपोर्ट का मिलान करे कुल 15 अध्यापक दोषी है। शेष अध्यापक सही हैं। ऐसे में बिना जांच रिपोर्ट के फाइनल कार्रवाई से कई शिक्षकों के रोजी -रोटी जाने का जहां खतरा बढ़ गया है वहीं कई का परिवार सदमे है। नोटिस में दर्शाया गया है कि एक सप्ताह के अंदर दस्तावेज प्रस्तुत न करने पर एफआईआर दर्ज कराते हुए बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाएगी।
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आला अफसरों के निर्देश पर शिक्षकों को नोटिस जारी की जा रही हैं। इसमे किसी भी प्रकार की हीला हवाली नहीं की जा रही हैं। जिन लोगों पर पुष्ट है कि यह फर्जी हैं उन्हीं को नोटिस दी जा रही है। शेष लोगों को नोटिस नहीं दी जा रही है।
डा. वीके वर्मा : जिला विद्यालय निरीक्षक व प्रभारी बीएसए।
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जांच रिपोर्ट को लेकर एडी बेसिक कुछ भी बोलने के तैयार नहीं है। उनका कहना है कि जो रिपोर्ट भेजी है वह सही है। जिसको भी शक है वह इसकी पड़ताल करवा लें। वैसे विभागीय जांच की जा रही है। जो दोषी नहीं होगा, उसकी सेवा समाप्त नहीं की जाएगी। -योगेंद्र कुमार : एडी बेसिक आजमगढ़ मंडल।