बलरामपुर : चार शिक्षकों से की जाएगी 58 लाख की रिकवरी, लाल बहादुर शास्त्री लघु माध्यमिक विद्यालय में हुआ अनियमित भुगतान
जागरण संवाददाता, बलरामपुर : रेहरा बाजार शिक्षा क्षेत्र में स्थित लाल बहादुर शास्त्री लघु माध्यमिक विद्यालय सरायखास में चार शिक्षकों को अनियमित भुगतान किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। वरिष्ठ लेखा परीक्षक ने ऐसे चार अध्यापकों से 58 लाख 98 हजार 944 रुपये रिकवरी करने की जिला संपरीक्षा अधिकारी से संस्तुति की है, जिससे शिक्षकों में हड़कंप मच गया है। 1शिक्षा क्षेत्र रेहराबाजार के लालबहादुर शास्त्री लघु माध्यमिक विद्यालय सरायखास में वर्ष 1976 में तत्कालीन बीएसए ने कक्षा छह से आठ तक की अस्थायी मान्यता प्रदान की थी। मान्यता के समय दी गई सूची में केवल छह शिक्षक कार्यरत थे। वर्ष 1989 में बीएसए कार्यालय से दो अन्य शिक्षक अनुमोदित किए किए गए। शिक्षक के सात व प्रधानाध्यापक के पद को सम्मिलित करते हुए कुल अध्यापकों की संख्या आठ अनुमन्य की गई। जो जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गोंडा की अनुशंसा पर आधारित थी। विभागीय सूत्रों की मानें तो संस्था ने बिना किसी सृजित व रिक्त पद के वर्ष 1997-98 में चार सहायक शिक्षकों की नियुक्ति कर ली। बीएसए से कूटरचित पत्र जारी कर वेतन भुगतान की सहमति मांगी। बीएसए की सहमति न मिलने पर चारों शिक्षक उच्च न्यायालय पहुंच गए। इन अध्यापकों ने न्यायालय से स्थगन आदेश ले लिया। जनवरी 2004 से इन शिक्षकों को वेतन का भुगतान कर दिया गया। बाद में इन चारों शिक्षकों की रिट याचिका समाप्त हो गई। जिसे बाद में पुनर्जीवित कराकर वादपत्र वापस ले लिया गया। इससे तत्कालीन बीएसए का वेतन भुगतान पर असहमति का आदेश पुनर्जीवित हो गया। जिससे चारों शिक्षक अनियमित व बिना पद के कार्यरत की श्रेणी में आ गए। वरिष्ठ लेखा परीक्षक श्यामरंग ने बताया कि संतोष कुमार, राजेंद्र कुमार, मोहम्मद सिद्दीक खान व रामनरायन को 58 लाख 98 हजार 944 रुपये का अनियमित भुगतान किया गया है, जिसकी रिकवरी कराने की संस्तुति की गई है।जागरण संवाददाता, बलरामपुर : रेहरा बाजार शिक्षा क्षेत्र में स्थित लाल बहादुर शास्त्री लघु माध्यमिक विद्यालय सरायखास में चार शिक्षकों को अनियमित भुगतान किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। वरिष्ठ लेखा परीक्षक ने ऐसे चार अध्यापकों से 58 लाख 98 हजार 944 रुपये रिकवरी करने की जिला संपरीक्षा अधिकारी से संस्तुति की है, जिससे शिक्षकों में हड़कंप मच गया है। 1शिक्षा क्षेत्र रेहराबाजार के लालबहादुर शास्त्री लघु माध्यमिक विद्यालय सरायखास में वर्ष 1976 में तत्कालीन बीएसए ने कक्षा छह से आठ तक की अस्थायी मान्यता प्रदान की थी। मान्यता के समय दी गई सूची में केवल छह शिक्षक कार्यरत थे। वर्ष 1989 में बीएसए कार्यालय से दो अन्य शिक्षक अनुमोदित किए किए गए। शिक्षक के सात व प्रधानाध्यापक के पद को सम्मिलित करते हुए कुल अध्यापकों की संख्या आठ अनुमन्य की गई। जो जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गोंडा की अनुशंसा पर आधारित थी। विभागीय सूत्रों की मानें तो संस्था ने बिना किसी सृजित व रिक्त पद के वर्ष 1997-98 में चार सहायक शिक्षकों की नियुक्ति कर ली। बीएसए से कूटरचित पत्र जारी कर वेतन भुगतान की सहमति मांगी। बीएसए की सहमति न मिलने पर चारों शिक्षक उच्च न्यायालय पहुंच गए। इन अध्यापकों ने न्यायालय से स्थगन आदेश ले लिया। जनवरी 2004 से इन शिक्षकों को वेतन का भुगतान कर दिया गया। बाद में इन चारों शिक्षकों की रिट याचिका समाप्त हो गई। जिसे बाद में पुनर्जीवित कराकर वादपत्र वापस ले लिया गया। इससे तत्कालीन बीएसए का वेतन भुगतान पर असहमति का आदेश पुनर्जीवित हो गया। जिससे चारों शिक्षक अनियमित व बिना पद के कार्यरत की श्रेणी में आ गए। वरिष्ठ लेखा परीक्षक श्यामरंग ने बताया कि संतोष कुमार, राजेंद्र कुमार, मोहम्मद सिद्दीक खान व रामनरायन को 58 लाख 98 हजार 944 रुपये का अनियमित भुगतान किया गया है, जिसकी रिकवरी कराने की संस्तुति की गई है।