लखीमपुर खीरी : डंप पड़ा प्राथमिक स्कूलों के गैस चूल्हे का 61 लाख, शासन की योजनाओं पर अफसर किस तरह धूल डालते
लखीमपुर : शासन की योजनाओं पर अफसर किस तरह धूल डालते हैं, अगर यह जानना हो तो आप बेसिक शिक्षा विभाग में स्कूली बच्चों के लिए चलाई जा रही योजनाओं पर नजर डाल लीजिए। यहां सरकारी फरमान कूड़े के ढेर में डाल दिए जाते हैं।
शासन ने निर्देश दिया था कि जिले के 1455 प्राथमिक स्कूलों में गैस-चूल्हा खरीद कर बच्चों को मध्यान्ह भोजन दिया जाए, इसके लिए 61.16 लाख रुपये विभाग को जारी भी कर दिया, लेकिन हैरत की बात ये कि अभी एक भी ब्लॉक के बीईओ ने प्राथमिक विद्यालयों की सूची तक विभाग को नहीं सौंपी है। यह आलम तब है जब बीईओ को कई बार रिमाइंडर भी जारी किया जा चुका है। मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण लखनऊ की ओर से बीएसए को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि जिले 1455 प्राथमिक विद्यालयों के लिए स्वीकृत धनराशि का उपयोग प्रत्येक दशा में जनवरी माह तक कर लिया जाए तथा उपभोग प्रमाण पत्र फरवरी माह तक उपलब्ध कराया जाए। सभी बीईओ को कहा गया कि वे ऐसे स्कूलों की सूची उपलब्ध कराएं जहां बच्चों का खाना चूल्हे पर बनाया जाता है। सूची मिलने के बाद ही स्कूलों को एक गैस सिलेंडर और एक चूल्हा के लिए धनराशि आवंटित की जानी है। शासन की मंशा है कि कोई भी प्राथमिक विद्यालय एलपीजी कनेक्शन विहीन न हो, लेकिन बीईओ ही शासन के निर्देशों को धता बता रहे हैं। एक भी ब्लॉक से उन विद्यालयों की सूची नहीं आई है, जहां गैस-चूल्हा खरीदा जाना है।
चोरी गए सामानों की हो सकती है रिकवरी
शासन ने कहा है जिन विद्यालयों में एलपीजी सिलेंडर, गैस चूल्हा चोरी हो चुके हैं उन विद्यालयों में संबंधित जिम्मेदारों पर रिकवरी होगी। रिकवरी की रकम मिलने के बाद उन स्कूलों में भी गैस-चूल्हा खरीदा जाएगा। निर्देश दिया गया है कि जिम्मेदार अधिकारी यह प्रमाण पत्र दें कि धनराशि का उपयोग ऐसे विद्यालयों में न हो गैस सिलेंडर चोरी की घटना हुई है।
जिम्मेदार की सुनिए
बीएसए बुद्धप्रिय ¨सह का कहना है कि गैस-चूल्हा खरीदने के लिए सभी बीईओ से स्कूलों की सूची मांगी गई है। शासन से इस संबंध में कड़ा निर्देश आया है। अगर इसमें बीईओ की तरफ से कोई लापरवाही की जाती है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।