SHIKSHAK BHARTI : 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में ओएमआर के स्थान पर, पूछे जाएंगे अति लघु उत्तरीय प्रश्न, हिंदी व अंग्रेजी के साथ ही संस्कृत भी सिलेबस में हुई शामिल
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इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक भर्ती की पहली लिखित परीक्षा ओएमआर शीट पर नहीं होगी। इसमें अति लघु उत्तरीय प्रश्न पूछे जाएंगे, उनका जवाब परीक्षार्थियों को कम से कम एक या दो लाइन में लिखकर देना होगा। शासन के निर्देश पर परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव डा. सुत्ता सिंह ने शुक्रवार को परीक्षा का विस्तृत प्रस्ताव सौंप दिया है। अब शासन से निर्देश मिलते ही परीक्षा की तैयारियां तेजी से शुरू की जाएंगी।
परिषदीय स्कूलों की सहायक अध्यापक भर्ती लिखित परीक्षा से होनी है। इसके लिए इसी माह विज्ञापन जारी होना है। बेसिक शिक्षा परिषद परीक्षा का सिलेबस पहले ही घोषित कर चुका है और शासन ने परीक्षा कराने का जिम्मा परीक्षा नियामक प्राधिकारी इलाहाबाद को सौंपा है। पिछले दिनों इसका प्रस्ताव मांगे जाने पर परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव डा. सिंह ने विस्तृत योजना बनाकर शुक्रवार को शासन को दे दी है। इसमें सिलेबस में भी मामूली संशोधन किया गया है।
पहले जारी सिलेबस में सिर्फ हंिदूी और अंग्रेजी के प्रश्न परीक्षा में आने प्रस्ताव था लेकिन, अब उसमें संस्कृत को भी जोड़ दिया गया है। डा. सिंह ने बताया कि टीईटी की तर्ज पर यह लिखित परीक्षा ओएमआर शीट पर नहीं कराई जाएगी, बल्कि उसमें अति लघु उत्तरीय प्रश्न पूछे जाएंगे। इसके लिए प्रश्न पुस्तिका की ऐसी बुकलेट तैयार कराई जाएगी, जिसमें नीचे जवाब लिखने का स्थान दिया जाएगा, ताकि परीक्षार्थी वहीं पर उत्तर दे सकें और उसके मूल्यांकन में भी सहूलियत रहे। प्रश्नों का जवाब एक या फिर अधिकतम तीन लाइन तक ही होगा। किस स्तर के सवाल आएंगे परिषद की ओर से जारी सिलेबस में विस्तृत ब्योरा दिया जा चुका है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव ने बताया कि वह सिर्फ परीक्षा एजेंसी हैं। इम्तिहान कराकर परिणाम परिषद मुख्यालय को सौंप देंगी।
आगे की मेरिट आदि तय करने का जिम्मा उसी का होगा। इस प्रक्रिया में आंसर शीट जारी करने की आदि की बाध्यता भी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि शासन को प्रस्ताव दिया जा चुका है उसमें कुछ संशोधन भी हो सकते हैं। अब जैसा निर्देश मिलेगा उसी के अनुरूप परीक्षा की तैयारी की जाएगी। पहली बार हो रही परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए विशेष परीक्षकों की पड़ताल भी शुरू हो गई है, ताकि परीक्षा की शुचिता और मूल्यांकन पर कोई सवाल न उठे।