अमेठी : बेसिक शिक्षा ने भरी उड़ान, माध्यमिक शिक्षा दिखी बेजान
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अमेठी : बच्चों के सुनहरे भविष्य को तराशने के लिए बेसिक शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा विभाग में विभिन्न प्रकार की योजनाएं संचालित हैं। लेकिन संसाधनों के अभाव के बीच बेसिक महकमा शिक्षा के उन्नयन के प्रयास में जूझता नजर आया। वहीं माध्यमिक शिक्षा द्वारा कक्षा छह से 12 तक के छात्रों को माडल टीचिंग के लिए जिले में तीन माडल स्कूलों का निर्माण कराया गया। बावजूद इसके एक को छोड़ दो माडल स्कूलों को कार्यदायी संस्था ने विभाग को हैंडओवर नहीं किया। जिसके चलते शैक्षिक सत्र 2017-18 का लाभ छात्रों को नहीं मिल सका। हालांकि जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय ने साल के अंतिम महीने में अपने नवनिर्मित निजी भवन में संचालित होने की कामयाबी जरूर हासिल कर लिया।
-अमेठी एक कदम और योजना ने छात्रों व शिक्षकों में लाई जान
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राजकुमार पंडित ने परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए नवाचार का प्रयोग किया। उन्होंने अमेठी एक कदम और योजना बनाई। जिसके तहत दो से अधिक शिक्षकों वाले स्कूलों का चयन करते हुए विद्यालय के बच्चों को तीन ग्रुपों में बांट कर परीक्षा का आयोजन कराया। जिसमें छात्रों के साथ शिक्षकों ने योजना में रुचि दिखाते हुए प्रतिभाग किया। सफल आयोजन होने के बाद एक कार्यक्रम आयोजित कर शिक्षकों व छात्रों को सम्मानित किया गया। बीएसए द्वारा शिक्षा के नवाचार में विज्ञान, गणित, भाषा एवं सामाजिक विषयों पर काम किया गया। जबकि खंड शिक्षा अधिकारी डा. सत्य प्रकाश यादव ने अपने शिक्षा क्षेत्र में ग्रीष्म कालीन अवकाश के दिनों में समर कैंप का आयोजन कराया। जिसमें शिक्षकों के सहयोग से शिक्षा प्रदान किया गया। जबकि बच्चों के शैक्षिक विकास के लिए बाल प्रहरी, ई लर्निग, पुस्तकालय की व्यवस्था की गई तो वहीं शिक्षकों को देश दुनिया से जोड़ने के लिए ब्लाक संसाधन केंद्र संग्रामपुर की वेबसाइट बनाई गई। जिसमें शिक्षण कार्य की सभी गतिविधियों समेत बीएसए द्वारा निर्गत सभी आदेश को अपलोड किया गया। यह प्रदेश का पहला ब्लाक संसाधन केंद्र था। जिसकी वेबसाइट बनाई गई।
-शिक्षामित्रों का समायोजन रद होने से शिक्षण कार्य में उत्पन्न हुई समस्या
जिले में लगभग 1722 शिक्षामित्र परिषदीय स्कूलों में कार्यरत है। जिसे पूर्व समाजवादी सरकार ने बीटीसी विशेष प्रशिक्षण कराकर प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन किया था। किंतु 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों का समायोजन रद कर दिया। जिससे शिक्षामित्र संगठन महीनों तक हड़ताल पर रहे। ऐसे में जिले के एकल शिक्षक विद्यालय बंद हो गए। विद्यालय बंद होने से एक बार फिर परिषदीय स्कूलों की शिक्षा शिथिल पड़ गई।
-बालिकाओं को डिग्री कालेज का मिला तोहफा
केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी लोक सभा चुनाव के बाद से लगातार जिले से जुड़ी हुई हैं। लोक सभा चुनाव के दौरान उन्होंने संग्रामपुर के भौसिंहपुर में बालिक डिग्री कालेज की स्थापना का वादा किया था। वादे के तहत केंद्र की मांग पर जिला प्रशासन ने संग्रामपुर ब्लाक के नजदीक साढ़े पांच बीघा निशुल्क जमीन उपलब्ध करा दी है। हालांकि अभी तक विद्यालय निर्माण के लिए बजट का अभाव है। जबकि अमेठी में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय व राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान का संचालन शुरू हो गया है।
-तीन साल बाद भी राजकीय हाईस्कूल का निर्माण अधूरा
माध्यमिक विभाग द्वारा जिले में 69 लाख 51 हजार रुपये की लागत अफुइया व मंगरौली में राजकीय हाईस्कूल के निर्माण को वर्ष 2015-16 में स्वीकृति मिली थी। किंतु शासन स्तर से प्रथम किस्त के रूप में विभाग को दोनों विद्यालयों के निर्माण के लिए महज 20-20 लाख रुपये की धनराशि ही मिल सकी। तीन वर्ष पूर्ण होने को हैं किंतु अभी तक राजकीय हाईस्कूल का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है। जबकि गौरीगंज के राघीपुर, मुसाफिरखाना के धरौली व तिलोई तहसीन क्षेत्र के उड़वा में कक्षा छह से 12 तक के बच्चों को इंग्लिश मीडियम की पढ़ाई कराने के लिए माडल स्कूल का निर्माण कराया गया है। किंतु कार्यदायी संस्था ने अभी तक महज धरौली माडल स्कूल को ही हैंडओवर किया है। जिससे वर्ष 2017-18 का शैक्षिक सत्र नहीं चल सका।