इलाहाबाद : एआईसीटीई के नार्म्स लागू करने को तीन माह का समय
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हिन्दुस्तान टीम, इलाहाबाद । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सूबे के तकनीकी संस्थानों के कर्मचारियों व शिक्षकों के वेतन व सेवा शर्तों में एआईसीटीई के नार्म्स लागू करने के लिए राज्य सरकार को तीन माह और समय प्रदान किया है। न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने यह आदेश सचिव तकनीकी शिक्षा के हलफनामे के अलवोकन के बाद दिया। कोर्ट में उपस्थित सचिव तकनीकी शिक्षा ने अपने जवाब में कहा कि सरकार इस मामले में गंभीर है, बस कुछ समय और चाहिए। कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए सरकार को तीन माह का समय दिया। सचिन ने बताया कि एसआईसीटीई के नार्म्स लागू करने में सरकार को बड़ी रकम खर्च करना होगा, जिसका असर दूसरे विभागों के खर्च पर पड़ेगा। वेतन विसंगतियां दूर करने के संबंध में एसआईसीटीई से चर्चा हुई है। फेडरेशन ऑफ इंडियन पॉलीटेक्निक टीचर्स आर्गनाइजेशन की अवमानना याचिका के अनुसार 1987 में स्थापित अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने तकनीकी संस्थानों की संरचना के लिए मानक तय किए जो देश के सभी तकनीकी संस्थानों के लिए अनिवार्य हैं। मानकों में निर्धारित स्टाफ संरचना, सेवा शर्तें, शिक्षकों की अहर्ताएं, शिक्षक-छात्र अनुपात उनके कार्य निर्धारण आदि शामिल हैं जो यूपी के तकनीकी संस्थानों में अब तक लागू नहीं किए गए हैं। इसके लिए फेडरेशन आफ इंडियन पॉलिटेक्निक टीचर्स आर्गनाइजन की ओर से 1991 में याचिका दाखिल की गई। जिस पर हाईकोर्ट ने 11 अप्रैल 2001 के निर्णय से एआईसीटीई की संस्तुतियां तत्काल लागू करने को कहा था। इसके विरुद्ध राज्य सरकार ने 2003 में अपील की जो खारिज हो गई। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी 2017 में एसएलपी निस्तारित करते हुए एआईसीटीई को तीन माह के भीतर निर्णय लेने को कहा। एआईसीटीई ने 23 मई 2017 को कहा कि उसके मानक लागू करना अनिवार्य है। उसके बाद भी तकनीकी संस्थानों में एआईसीटीई के नॉर्म्स लागू नहीं करने पर यह अवमानना याचिका दाखि की गई थी।