बदायूं : जिले में बदहाल शिक्षा व्यवस्था की तस्वीर उस वक्त सामने आई जब डीएम दिनेश कुमार ¨सह अचानक परिषदीय स्कूल का निरीक्षण करने पहुंच गए, बच्चों के बीच शिक्षक बने डीएम
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बदायूं : जिले में बदहाल शिक्षा व्यवस्था की तस्वीर उस वक्त सामने आई जब डीएम दिनेश कुमार ¨सह अचानक परिषदीय स्कूल का निरीक्षण करने पहुंच गए। डीएम को देखते ही स्कूल स्टाफ में खलबली मच गई। उन्होंने शालीनता पूर्वक बच्चों की शैक्षिक योग्यता को परखा तो जरूरत के हिसाब से वह जवाब नहीं दे सके। इस बात पर स्कूल स्टाफ को बेहतर शिक्षा का संदेश देते हुए डीएम खुद ही शिक्षक बन गए। उन्होंने काफी देर तक बच्चों को पढ़ाया फिर सामाजिक जीवन के बारे में उन्हें अपने विचार बताए। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं इसलिए यह भविष्य उनके हाथ में हैं वह जैसे तैयार करेंगे बच्चों का वैसा ही भविष्य होगा। इसलिए बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ अच्छा माहौल दें, ताकि उनका भविष्य उज्जवल हो सके। चेतावनी भरे लहजे में डीएम ने दो टूक कहा कि वह जब दोबारा आएं तो उन्हें यहां का माहौल बदला हुआ मिलना चाहिए, जिस तरह से सरकार सेवाएं दे रही है उसी तरह बच्चों पर पूरा ध्यान दें।
बदहाल शिक्षा व्यवस्था को दुरूस्त करने को जिलाधिकारी लगातार विद्यालयों का निरीक्षण कर रहे हैं। इसी क्रम में बुधवार को दुगरैया के पूर्व माध्यमिक विद्यालय का निरीक्षण किया। ब्लैक बोर्ड पर लिखकर खुद बच्चों को पढ़ाया। कक्षा छह, सात व आठ के बच्चों से रहन-सहन व नैतिक गुणों को परखा। उनके घर फोन करके परिजनों से बात की और रोज सुबह पैर छूने की जानकारी की। उन्होंने बच्चों से पहाड़ा व कविताएं भी सुनी। साफ-सफाई के प्रति जागरूक किया। प्रधानाचार्य कल्याण दास गुप्ता को निर्देश दिए कि बच्चों को शिक्षा एवं संस्कार सिखाए जाएं। बच्चों से कहा कि स्कूल में पढ़ाए गए पाठ को घर में जाकर दोबारा अवश्य पढ़ें। ब्लैकबोर्ड पर पढ़वाने के साथ-साथ बच्चों से भी लिखवाकर देखा। बच्चों की उपस्थिति कम देखकर नाराजगी जाहिर और शतप्रतिशत उपस्थिति करने को निर्देशित किया। मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता भी जांची। उपस्थित ग्रामीणों से घरों में शौचालय अवश्य बनवाकर प्रयोग करने को कहा।
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