प्रधानाध्यापक के निलंबन के खिलाफ शिक्षकों का प्रदर्शन
कौशांबी : राष्ट्रीय कार्यक्रम में बाधा पहुंचाने के आरोप में प्राथमिक विद्यालय के अमवां प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया गया है। मामले को लेकर शनिवार को भी शिक्षकों ने बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में प्रदर्शन किया। इसके साथ ही प्रधानाध्यापक ने कार्यालय में पत्र देकर मामले को लेकर अपना पक्ष रखा।
प्राथमिक शिक्षक संघ नेवादा अध्यक्ष व प्राथमिक विद्यालय अमवां के प्रधानाध्यापक प्रमोद कुमार ¨सह को बेसिक शिक्षा अधिकारी ने 12 दिसंबर को निलंबित कर दिया। बीएसए ने बताया कि प्रधानाध्यापक ने कृमि मुक्त अभियान में बाधा पहुंचाई। निलंबन के बाद प्राथमिक विद्यालय अमवां के छात्रों व अभिभावकों ने बीआरसी से लेकर जिला मुख्यालय तक प्रदर्शन कर निलंबन वापस लेने की मांग की थी। जिसपर अधिकारियों ने उचित कार्रवाई का निर्देश दिया। प्रधानाध्यापक ने बताया कि पांच अगस्त को विकास खंड परिसर नेवादा में शिक्षकों को कृमि मुक्त निवारण प्रशिक्षण दिया जा रहा था। जिसमें ब्लाक क्षेत्र के शामिल शिक्षकों ने बताया कि प्रशिक्षण से पहले ही स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने भवन में गंदगी देखकर अभद्र भाषा का प्रयोग करने पर कुछ शिक्षकों से विवाद हो गया। अध्यक्ष होने के नाते बीच बचाव करने के कारण उनपर यह कार्रवाई हुई है। चार माह तक हुई कार्रवाई से लगता है कि यह साजिश है। मामले में वास्तविक दोषी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
अधिकारियों का विरोध तो नहीं बना कारण
- बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों ने बताया कि नेवादा ब्लाक अध्यक्ष होने के नाते वे अधिकारियों की उन कार्यों का विरोध कर रहे थे जो शिक्षकों के हित में नहीं है। जिसके कारण अधिकारियों ने चार माह पुराने मामले को नजीर बनाते हुए निलंबित कर दिया है। खेल प्रतियोगिता के नाम पर हर शिक्षक से विभाग की ओर से 300 रुपये मांगे थे। संघ अध्यक्ष प्रमोद कुमार ने इसका विरोध किया था। जिसके प्रतियोगिता के नाम पर रुपये नहीं मिले। शिक्षक इस मामले को निलंबन का मुख्य कारण बता रहे हैं।
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