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हरदोई : अभियान से भी नहीं सुधरी माध्यमिक विद्यालयों की दशा

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हरदोई : अभियान से भी नहीं सुधरी माध्यमिक विद्यालयों की दशा

हरदोई : राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान भी जिले की माध्यमिक शिक्षा की सूरत बदलने में नाकाम रहा। जिले में न तो माडल विद्यालय संचालित हो सके और न ही ग्रीन स्कूल क्लीन स्कूल योजना ही धरातल पर नजर आई। विगत वर्ष माध्यमिक शिक्षा की उपलब्धियों के स्थान पर बोर्ड परीक्षा के व्यक्तिगत फार्मों में फर्जीवाड़ा के लिए अधिक जाना जाएगा।

माध्यमिक शिक्षा परिषद से संबद्ध जिले में 547 विद्यालय संचालित हैं। इनमें से 71 अशासकीय सहायता प्राप्त और 43 राजकीय विद्यालय शामिल हैं। जिले के राजकीय विद्यालयों में संसाधनों का अभाव है। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत जिले के राजकीय विद्यालयों में अनुदान राशि भी उपलब्ध कराके उनकी दशा सुधारने का कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही उच्चीकृत किए गए जूनियर स्कूल की भी व्यवस्था में सुधार किया जाना था। लेकिन यह कवायद भी जिले के राजकीय विद्यालयों की दशा बदलने में नाकाफी साबित हुआ। पूरे वर्ष विद्यालय संसाधन के अभाव से जूझते रहे।

शो पीस ही रहे माडल विद्यालय : जिले में तीन माडल विद्यालयों का संचालन किया जाना था, जिसकी इमारत भी बन गई थी। इन विद्यालयों के संचालन के लिए राजकीय विद्यालयों के एक एक शिक्षक की तैनाती भी की गइ्र और कुछ प्रवेश भी हुए, लेकिन इसके बाद उन विद्यालयों को संचालन परियोजना के निर्देश पर बंद कर दिया गया। जिससे इस वर्ष भी इनका लाभ क्षेत्र के विद्यार्थियों को नहीं मिल सका।

धरातल पर नहीं दिखी ग्रीन स्कूल , क्लीन योजना : राजकीय विद्यालयों की दशा सुधारने के लिए चार विद्यालयों को शामिल किया गया था। चारों राजकीय विद्यालयों में संसाधनों को पूरा कराया जाना था, लेकिन यह योजना धरातल पर नजर नहीं आई। योजना का क्रियान्वयन कागजों में ही सिमट कर रह गया।

फर्जीवाड़े के लिए याद किया जाएगा साल : माध्यमिक शिक्षा विभाग वर्ष 2017 में बोर्ड परीक्षा के व्यक्तिगत परीक्षार्थियों के फर्जीवाड़े के लिए याद किया जाएगा। इस वर्ष बोर्ड के फार्मो में 2472 फार्म गलत पाए गए। जिसकी जांच के चपेट में दस विद्यालयों के प्रधानाचार्य आ गए है। इस वर्ष पहली बार बोर्ड से परीक्षा केंद्रों और विद्यार्थियों को आवंटन किया गया। जिससे नकल माफियाओं के मनसूबे पर पानी फिर गया।

यह है उम्मीद : माध्यमिक शिक्षा से संबद्ध विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए चयन प्रक्रिया चल रही है। इसके साथ ही माडल विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती की प्रक्रिया शुरू की गई है। उम्मीद है अगले वर्ष इन विद्यालयों में शिक्षक मिल जाएंगे। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत बनाए गए माडल विद्यालय का संचालन अगले सत्र से शुरू होने की संभावना है।

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