प्रधानाध्यापक की रुकी वेतन वृद्धि, एनपीआरसी को प्रतिकूल प्रविष्टि
बदायूं : जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने विकास क्षेत्र म्याऊं के परिषदीय विद्यालयों का निरीक्षण किया। कई बार निर्देशित करने के बाद भी लापरवाही बरतने वाले प्रधानाध्यापक की वेतन वृद्धि रोकी गई है। अन्य से स्पष्टीकरण मांगा गया है। नियमित रूप से निरीक्षण न करने वाले एनपीआरसी को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है।
प्राथमिक विद्यालय नौगवां नसीरनगर में पंजीकृत 222 बच्चों में 133 बच्चे ही उपस्थित मिले। मेन्यू का पालन नहीं किया जा रहा था। रोटी-सब्जी की जगह पीले चावल बनवाए जा रहे थे। जिसमें खुले तेल मसालों का प्रयोग किया गया था। दीवार पर एमडीएम का मेन्यू व अधिकारियों के फोन नंबर लिखे नहीं मिले। वित्तीय अभिलेखों का रखरखाव भी नहीं किया गया था और न ही फल, दूध का वितरण किया गया। पिछले निरीक्षण के दौरान भी यही स्थिति मिली थी। शैक्षिक स्तर भी न्यून मिला। प्रधानाध्यापक हरप्रसाद से तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है। यहीं के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में पंजीकृत 221 के सापेक्ष 107 बच्चे उपस्थित मिले। दोपहर एक बजे भी एमडीएम नहीं बन रहा था। रसोइघर में कंडे मिले और गंदा पाया गया। बच्चों को पुरानी किताबें उपलब्ध कराई थी। बच्चों को जूते उपलब्ध नहीं कराए गए। प्रधानाध्यापक ने खुद के नाम से एमडीएम खाते से धनराशि आहरित की। खुद के एबीआरसी रहते समय नियम विरूद्ध खाता एसएमसी अध्यक्ष के नाम से संचालित किया गया। पिछले दिनों हुए निरीक्षण के दौरान मात्र 31 बच्चे ही उपस्थित मिले थे, जबकि पूर्व के दिनों में लाभार्थी संख्या का ज्यादा अंकन किया जाता रहा है। तमाम लापरवाही के चलते प्रधानाध्यापक राजेश राठौर की वेतन वृद्धि रोकी गई है। प्राथमिक विद्यालय रूपापुर में बहुत ही अनियमितताएं मिलीं। विद्यालय का नियमित निरीक्षण न करने पर एनपीआरसी वीरपाल को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। बीएसए प्रेमचंद यादव ने बताया कि विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान मिली अनियमितता के आधार पर कार्रवाई की गई है।