सिद्धार्थनगर : शिक्षा मित्र के सहारे जूनियर स्कूल की शिक्षा, सरकार द्वारा शिक्षा मित्रों को अयोग्य मानते हुए प्राथमिक विद्यालयों से उनका समायोजन भले ही रद्द कर दिया, मगर ऐसे भी शिक्षा मित्र हैं, जो प्राथमिक ही नहीं, बल्कि उच्च प्राथमिक व्यवस्था का जिम्मा संभालकर अपनी योग्यता का लोहा मनवा रहे
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सिद्धार्थनगर : सरकार द्वारा शिक्षा मित्रों को अयोग्य मानते हुए प्राथमिक विद्यालयों से उनका समायोजन भले ही रद्द कर दिया हो, मगर ऐसे भी शिक्षा मित्र हैं, जो प्राथमिक ही नहीं, बल्कि उच्च प्राथमिक व्यवस्था का जिम्मा संभालकर अपनी योग्यता का लोहा मनवा रहे हैं।
विकास खंड अन्तर्गत ग्राम पंचायत श्यामपुर में स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय जहां शिक्षक के अभाव में करीब आठ महीने तक स्कूल में ताला बंद रहा। फिर यहां की कमान शिक्षा मित्र श्रीचंद्र को दी गई, जो करीब छह महीने से अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे। इस जूनियर स्कूल में कुल 57 छात्र-छात्राओं का नामांकन है। आठ महीने तक स्कूल अध्यापक कमी की समस्या से जूझता रहा। ग्रामीणों की बार-बार मांग पर गत 8 मई को खंड शिक्षाधिकारी ने उक्त शिक्षा मित्र को यहां तैनात कर दिया। तभी से वह लगातार यहां के शैक्षणिक कार्य में लगे हुए हैं। दिक्कतें बहुत हैं, फिर भी वह बेहतर शिक्षा के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। फिलहाल अभी तक किसी अतिरिक्त शिक्षक की तैनाती नहीं हो सकी है। जिसकी वजह से एकलौते श्रीचंद्र ही सारी व्यवस्था संभाले हुए हैं। छात्रों को पढ़ाने के साथ ही साथ अभिलेखों को भी यही पूरा कर रहे हैं।