लखनऊ : अब डिजिटल लॉकर में महफूज रहेगी डिग्री
लविवि व डिग्री कॉलेजों के विद्यार्थियों की डिग्री, मार्कशीट व सार्टिफिकेट डिजिटल लॉकर में रखे जाएंगे
ऐसे कॉलेज जो बीबीए, बीसीए जैसे कोर्स चला रहे वह रडार पर, दूसरी यूनिवर्सिटी से संबद्धता बिना बताए ली तो होगी कार्रवाई
लविवि सभी कॉलेजों की संबद्धता की जांच करेगा
जागरण संवाददाता, लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय (लविवि) व डिग्री कॉलेजों में पढ़ रहे करीब सवा लाख विद्यार्थियों की डिग्री, मार्कशीट व सार्टिफिकेट अब डिजिटल लॉकर में सुरक्षित रखे जाएंगे। नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी से इसके लिए एमओयू किया गया है। इसके चलते अब विद्यार्थियों को अपने डाक्युमेंट का वेरिफिकेशन करवाने में भी दिक्कत नहीं होगी। 1लविवि कुलपति प्रो. एसपी सिंह ने बताया कि विद्यार्थियों को यह जल्द दी जाएगी। डिजिटल लॉकर जो कि एक प्रकार का ऑनलाइन स्टोर हाउस है उसमें चौबीस घंटे कभी भी विद्यार्थियों की डिग्री व मार्कशीट का वेरीफिकेशन किया जा सकेगा। विद्यार्थियों को इससे काफी राहत मिलेगी और उन्हें इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा। उनकी डिग्री व मार्कशीट चौबीस घंटे इस ई स्टोर में मौजूद रहेगी। लविवि में बीते वर्षो में बीएड की डिग्री को लेकर काफी फर्जीवाड़ा हुआ। माध्यमिक स्कूलों में शिक्षक भर्ती में 500 से अधिक मार्कशीट लविवि की ही फर्जी पाई गईं थी। फिलहाल अब इस नई व्यवस्था से सेंधमारी करना बेहद कठिन होगा। इससे न सिर्फ पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि विद्यार्थियों के डिग्री व मार्कशीट की डुप्लीकेसी करना भी आसान नहीं होगा। मालूम हो कि लविवि ने पहले ही डिग्री व मार्कशीट पर सिक्योरिटी फीचर्स बढ़ाए हैं। अब डिजिटल लॉकर में विद्यार्थियों की डिग्री व मार्कशीट रखने से यह और महफूज हो गई हैं।जागरण संवाददाता, लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय (लविवि) अब सभी कॉलेजों की संबद्धता की दोबारा जांच करेगा। आइटी कॉलेज प्रकरण के सामने आने के बाद लविवि प्रशासन ने यह फैसला किया है। उसके रडार पर बीबीए, , बीएड, एमएड, बीसीए व बीजेएमसी आदि कोर्सेज चला रहे कॉलेज शामिल हैं। यह जांचा जाएगा कि इन कॉलेजों ने दूसरी यूनिवर्सिटी से अन्य कोर्सेज में किस तरह संबद्धता हासिल की। इसके लिए एनओसी की जो प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए थी वह अपनाई या नहीं। अगर किसी भी स्तर पर धांधली पाई गई तो कार्रवाई की जाएगी। 1लविवि के प्रवक्ता प्रो. एनके पांडेय का कहना है कि नए शैक्षिक सत्र 2018 में आइटी पीजी कॉलेज की तरह किसी अन्य कॉलेज में फर्जीवाड़ा सामने न आए इसके लिए अभी से फूलप्रूफ इंतजाम किए जा रहे हैं। राजधानी में कई कॉलेज बीटेक, एमबीए आदि की संबद्धता दूसरी यूनिवर्सिटी से लेकर चल रहे हैं। क्या ऐसे कॉलेजों ने दूसरा कैंपस खोलकर संबद्धता ली है या फिर पहले से चल रहे कॉलेज की जमीन पर ही दूसरे संस्थान से संबद्धता लेकर कोर्स शुरू कर दिया गया है। कॉलेज डेवलपमेंट काउंसिल (सीडीसी) की टीम द्वारा कॉलेजों में लविवि से संबद्धता लेकर चल रहे कोर्सेज में सीटों की संख्या, पिछले तीन वर्ष में हुए दाखिले और प्रवेश प्रक्रिया और अगर दूसरी यूनिवर्सिटी से संबद्धता लेकर कोई कोर्स चल रहा है तो उसकी एनओसी आदि की जांच की जाएगी।भाषण प्रतियोगिता आज 1लविवि में अंतर विश्वविद्यालयी भाषण प्रतियोगिता का शुक्रवार को आयोजन होगा। लविवि के प्रवक्ता प्रो. एनके पांडेय ने बताया कि स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा विषय पर यह प्रतियोगिता आयोजित होगी। पहले राउंड के बाद इसमें विभिन्न यूनिवर्सिटी के 14 विद्यार्थियों को चयन किया गया है। अब इनके बीच प्रतियोगिता होगी।