अम्बेडकरनगर : तीन माह से नहीं बन रहा मध्याह्न भोजन
संसू, विद्युतनगर (अंबेडकरनगर) : टांडा नगर शिक्षा क्षेत्र के अंतर्गत नेहरुनगर अहाता में स्थित प्राथमिक विद्यालय में एमडीएम का चूल्हा तीन माह से नहीं जला। इसके चलते यहां पढ़ाई करने आए मासूम बच्चों को भूखा रहकर अध्ययन करने को मजबूर होना पड़ रहा है। यहां कुल 81 बच्चे पंजीकृत है। बच्चे प्रतिदिन निर्धारित समय पर विद्यालय पढ़ने आते हैं। यहां नियुक्त अध्यापक इन्हें शिक्षित कर आगे बढ़ाने में भी लगे हैं, लेकिन इन बच्चों को विद्यालय में ही पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने की मंशा से चलाई मिड-डे-मील योजना दम तोड़ती नजर आ रही है। गत 17 अगस्त से यहां माध्यान भोजन बनाने के लिए चूल्हा नहीं जला। बताते हैं कि विद्यालय को कई माह से कन्वर्जन कास्ट नहीं उपलब्ध कराया गया। इसके चलते तीन माह से यहां बच्चों को माध्यान भोजन नहीं मिल पा रहा है। कनवर्जन कास्ट न मिलने के बावजूद भी स्थानीय सभासद अपने स्तर से कुछ समय तक माध्यान भोजन बनवा कर बच्चों को उपलब्ध कराते रहे, लेकिन बार-बार मांग के बावजूद भी जब कन्वर्जन कास्ट विद्यालय को नहीं दिया गया, तो उन्होंने भी मध्याह्न भोजन बनवाना बंद कर दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि यहां शिक्षा ग्रहण करने आ रहे लगभग 81 बच्चों को भूखा रहना पड़ रहा है। सहायक अध्यापिका गिरिजा देवी ने मिड-डे-मील का भोजन न बनने की बात स्वीकार करते हुए बताया कि कन्वर्जन कास्ट नहीं उपलब्ध कराया जा रहा है। खंड शिक्षा अधिकारी केपी सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं हैं, जानकारी कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी।संसू, विद्युतनगर (अंबेडकरनगर) : टांडा नगर शिक्षा क्षेत्र के अंतर्गत नेहरुनगर अहाता में स्थित प्राथमिक विद्यालय में एमडीएम का चूल्हा तीन माह से नहीं जला। इसके चलते यहां पढ़ाई करने आए मासूम बच्चों को भूखा रहकर अध्ययन करने को मजबूर होना पड़ रहा है। यहां कुल 81 बच्चे पंजीकृत है। बच्चे प्रतिदिन निर्धारित समय पर विद्यालय पढ़ने आते हैं। यहां नियुक्त अध्यापक इन्हें शिक्षित कर आगे बढ़ाने में भी लगे हैं, लेकिन इन बच्चों को विद्यालय में ही पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने की मंशा से चलाई मिड-डे-मील योजना दम तोड़ती नजर आ रही है। गत 17 अगस्त से यहां माध्यान भोजन बनाने के लिए चूल्हा नहीं जला। बताते हैं कि विद्यालय को कई माह से कन्वर्जन कास्ट नहीं उपलब्ध कराया गया। इसके चलते तीन माह से यहां बच्चों को माध्यान भोजन नहीं मिल पा रहा है। कनवर्जन कास्ट न मिलने के बावजूद भी स्थानीय सभासद अपने स्तर से कुछ समय तक माध्यान भोजन बनवा कर बच्चों को उपलब्ध कराते रहे, लेकिन बार-बार मांग के बावजूद भी जब कन्वर्जन कास्ट विद्यालय को नहीं दिया गया, तो उन्होंने भी मध्याह्न भोजन बनवाना बंद कर दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि यहां शिक्षा ग्रहण करने आ रहे लगभग 81 बच्चों को भूखा रहना पड़ रहा है। सहायक अध्यापिका गिरिजा देवी ने मिड-डे-मील का भोजन न बनने की बात स्वीकार करते हुए बताया कि कन्वर्जन कास्ट नहीं उपलब्ध कराया जा रहा है। खंड शिक्षा अधिकारी केपी सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं हैं, जानकारी कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी।सूना पड़ा रसोईघर, टिफिन का खाना खाते छात्र-छात्रएं