गुरुजी की बैठकी में नौनिहालों का भविष्य गर्त में
जागरण संवाददाता, दुद्धी (सोनभद्र) : दुद्धी क्षेत्र के दुरुह अंचल में स्थित सरकारी स्कूलों में तैनात अध्यापकों की लापरवाही से सरकार की मंशा पर पानी फिर रहा है। सरकारी नुमाइंदे भले ही बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने का जबर्दस्त दावा कागजों पर कर रहे हों, किन्तु उनके दावे की जमीनी हकीकत सुदूरवर्ती सरकारी स्कूलों में एकदम उलट देखने को मिल जाएगी। इससे सरकारी स्कूल में पढ़ने वालों नौनिहालों का भविष्य अंधेरे में सिमटती दिख रही हैं। कुछ इसी तरह की एक बानगी बुधवार को विकास खंड क्षेत्र के उच्च प्राथमिक विद्यालय सिधवादामर में देखने को मिला। इस विद्यालय पर महज एक अनुदेशक उपस्थित मिले। बताया गया कि अनुदेशक के अलावा यहां कुल चार शिक्षक तैनात किए गए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि यह विद्यालय सिर्फ अनुदेशक के रहमोकरम पर चल रही है। यहां तैनात अध्यापकों का दर्शन कभी कभार ही हो पाता है। इस बाबत जब संबंधित लोग से पूछताछ की जाती है तो उनका रटा रटाया जबाव सुनने को मिलता है कि मास्टर साहब बैठक में भाग लेने मुख्यालय गए हुए हैं।
बुधवार को को प्रधानाध्यापक सहित दो शिक्षकों के अनुपस्थित होने का कारण बैठक ही बताया गया। विद्यालय के आसपास रहने वाले ग्रामीणों ने बताया कि गुरुजी नियमित तौर पर नही रहते हैं,कभी कभी विद्यालय आते है तो कभी मी¨टग तो कभी कागजी कार्यो में उलझे रहते हैं। उनके पास तो कक्षा में जाने का समय ही नही बचता है। जबकि उक्त विद्यालय में 72 बच्चे नामांकित बताएं गए। अभिभावकों ने कहा कि अगर चारो शिक्षक 72 बच्चों को ढंग से पढ़ाए तो बच्चे किसी नर्सरी विद्यालय से कम तेज नही होंगे लेकिन न जाने कब सरकारी अध्यापक अपनी जबाबदेही समझेंगे यह कहना मुश्किल है।