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लखनऊ : अल्पसंख्यकों की एजुकेशन हब योजना जल्द होगी बंद, सपा सरकार की एक और योजना पर योगी सरकार का ब्रेक, जहां निर्माण शुरू हो गया उन्हें पूरा कराएगी सरकार

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लखनऊ : अल्पसंख्यकों की एजुकेशन हब योजना जल्द होगी बंद, सपा सरकार की एक और योजना पर योगी सरकार का ब्रेक, जहां निर्माण शुरू हो गया उन्हें पूरा कराएगी सरकार

जहां निर्माण शुरू हो गया उन्हें पूरा कराएगी सरकार

योगी सरकार एजुकेशन हब योजना भले ही बंद करने जा रही है, लेकिन जहां यह योजना शुरू हो गई है उसे पूरा कराएगी। यानी जिन 13 जिलों में 23 मॉडल इंटर कॉलेज बनना शुरू हो गए हैं उन्हें सरकार पूरा कराएगी। इनमें गाजियाबाद, बहराइच, अमरोहा, पीलीभीत, मेरठ, बागपत, लखीमपुर खीरी, रामपुर, बिजनौर, बलरामपुर, बरेली, मुरादाबाद व सिद्धार्थनगर जिला शामिल हैं।

शोभित श्रीवास्तव’ लखनऊ । अल्पसंख्यकों की एजुकेशन हब योजना पर योगी सरकार ब्रेक लगाने जा रही है। सपा सरकार की यह योजना पहले ही चरण में लड़खड़ा गई। स्थिति यह है कि इस योजना में पहले चरण के 20 में सात जिले ऐसे हैं जिनमें एक भी इंटर कॉलेज के लिए जमीन नहीं मिल सकी। तीन जिले ऐसे हैं जहां एक-एक इंटर कॉलेजों का ही निर्माण शुरू हो सका है। इसलिए सरकार इस योजना को बंद करने जा रही है।1अखिलेश यादव सरकार ने 20 नवंबर, 2014 को अल्पसंख्यक बहुल आबादी वाले जिलों के लिए एजुकेशन हब योजना शुरू की थी। इस योजना के पहले चरण में 20 जिलों का चयन किया गया था। इसमें हर जिले में पूर्णतया आवासीय दो-दो मॉडल इंटर कॉलेजों का निर्माण कराया जाना था। यह योजना इसलिए लाई गई थी ताकि अल्पसंख्यक छात्र-छात्रओं को इनमें अच्छी शिक्षा दी जा सके। प्रत्येक कॉलेज के निर्माण के लिए 3.02 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया। इनमें एक बालक व दूसरा बालिका के लिए इंटर कॉलेज बनाया जाना था, लेकिन कई जिलों में इस योजना के लिए मुफ्त जमीन ही नहीं मिल सकी। 1पहले चरण के 20 जिलों में केवल 10 जिले ऐसे हैं जहां बालक व बालिका दोनों इंटर कॉलेजों का निर्माण शुरू हो गया है। इनमें बलरामपुर जिला ऐसा है जहां सपा सरकार ने निजी क्षेत्र को मॉडल इंटर कॉलेज निर्माण के लिए पैसा जारी कर दिया था। 1तीन जिले मुरादाबाद, बरेली व सिद्धार्थनगर ऐसे हैं जहां केवल एक-एक मॉडल इंटर कॉलेज ही बनना शुरू हुए हैं। ऐसे में अब वहां दूसरा इंटर कॉलेज नहीं बनाया जाएगा। सात जिलों में तो पिछले तीन वर्षो में योजना शुरू ही नहीं हो पाई। इनमें संभल, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, हापुड़, शामली, शाहजहांपुर व श्रवस्ती शामिल हैं। योजना के इतने खराब परफार्मेस को देखते हुए सरकार अब इस योजना को पहले चरण में ही बंद करने जा रही है। सरकार ने इस पर सैद्धांतिक सहमति जता दी है। जल्द ही इसके औपचारिक आदेश जारी हो जाएंगे।1शोभित श्रीवास्तव’ लखनऊ1अल्पसंख्यकों की एजुकेशन हब योजना पर योगी सरकार ब्रेक लगाने जा रही है। सपा सरकार की यह योजना पहले ही चरण में लड़खड़ा गई। स्थिति यह है कि इस योजना में पहले चरण के 20 में सात जिले ऐसे हैं जिनमें एक भी इंटर कॉलेज के लिए जमीन नहीं मिल सकी। तीन जिले ऐसे हैं जहां एक-एक इंटर कॉलेजों का ही निर्माण शुरू हो सका है। इसलिए सरकार इस योजना को बंद करने जा रही है।1अखिलेश यादव सरकार ने 20 नवंबर, 2014 को अल्पसंख्यक बहुल आबादी वाले जिलों के लिए एजुकेशन हब योजना शुरू की थी। इस योजना के पहले चरण में 20 जिलों का चयन किया गया था। इसमें हर जिले में पूर्णतया आवासीय दो-दो मॉडल इंटर कॉलेजों का निर्माण कराया जाना था। यह योजना इसलिए लाई गई थी ताकि अल्पसंख्यक छात्र-छात्रओं को इनमें अच्छी शिक्षा दी जा सके। प्रत्येक कॉलेज के निर्माण के लिए 3.02 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया। इनमें एक बालक व दूसरा बालिका के लिए इंटर कॉलेज बनाया जाना था, लेकिन कई जिलों में इस योजना के लिए मुफ्त जमीन ही नहीं मिल सकी। 1पहले चरण के 20 जिलों में केवल 10 जिले ऐसे हैं जहां बालक व बालिका दोनों इंटर कॉलेजों का निर्माण शुरू हो गया है। इनमें बलरामपुर जिला ऐसा है जहां सपा सरकार ने निजी क्षेत्र को मॉडल इंटर कॉलेज निर्माण के लिए पैसा जारी कर दिया था। 1तीन जिले मुरादाबाद, बरेली व सिद्धार्थनगर ऐसे हैं जहां केवल एक-एक मॉडल इंटर कॉलेज ही बनना शुरू हुए हैं। ऐसे में अब वहां दूसरा इंटर कॉलेज नहीं बनाया जाएगा। सात जिलों में तो पिछले तीन वर्षो में योजना शुरू ही नहीं हो पाई। इनमें संभल, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, हापुड़, शामली, शाहजहांपुर व श्रवस्ती शामिल हैं। योजना के इतने खराब परफार्मेस को देखते हुए सरकार अब इस योजना को पहले चरण में ही बंद करने जा रही है। सरकार ने इस पर सैद्धांतिक सहमति जता दी है। जल्द ही इसके औपचारिक आदेश जारी हो जाएंगे।1जहां कार्य शुरू नहीं हुआ वहां भी योजना होगी बंद1सरकार ने तय किया है जिले में जमीन भले मिल गई हो और पैसा भी ट्रांसफर हो गया हो लेकिन निर्माण कार्य प्रारंभ न होने पर अब योजना नहीं चलाई जाएगी। ऐसे दो जिले हैं जहां पैसा जारी हो चुका है। इनमें मुरादाबाद व शामली में सरकार 1.51 करोड़ रुपये प्रति कॉलेज की दर से धनराशि दे चुकी है लेकिन निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है। ऐसे में वहां योजना के तहत इंटर कॉलेज नहीं बनाया जाएगा।

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