फतेहपुर : जिले में खुले सवित्त विद्यालयों में एक भी विद्यालय में दिव्यांगों के लिए अलग से शौचालय की सुविधा नहीं
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जागरण संवाददाता, फतेहपुर : जिले में खुले सवित्त विद्यालयों में एक भी विद्यालय में दिव्यांगों के लिए अलग से शौचालय की सुविधा नहीं है। अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक ने रिपोर्ट मांग कर हड़कंप मचा दिया है। कॉलेजों के प्रधानाचार्यों द्वारा डीआईओएस को सूची भेजकर महिला एवं दिव्यांग शौचालयों की सही तस्वीर उजागर हुई है। डीआईओएस ने भी प्रधानाचार्यों की सूचना को शासन के संज्ञान में डाल दिया है।
जिले में मौजूदा समय में 72 सवित्त विद्यालय संचालित हो रहे हैं। लंबे समय से संचालित हो रहे शिक्षण संस्थानों में महिला-पुरुष शौचालय तो हैं लेकिन दिव्यांग शौचालय एक जगह भी नहीं बनाए गए हैं। अपर शिक्षा निदेशक विनय कुमार पाण्डेय ने दिव्यांग शौचालयों से लैश विद्यालयों की सूची तलब की है। डीआईओएस द्वारा मंगाई गई जानकारी मे एक भी विद्यालय में दिव्यांग शौचालय न होने की रिपोर्ट आई है। डीआइओएस महेंद्र प्रताप ¨सह ने स्वीकार किया कि किसी भी सवित्त विद्यालय में दिव्यांग के लिए शौचालय नहीं है। शासन को रिपोर्ट भेज दी गई है।
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मजबूरी में सामूहिक शौचालय का करते उपयोग
- सवित्त विद्यालयों में महिला और पुरुष अलग-अलग शौचालय बनाए गए हैं। दिव्यांगों के लिए अलग शौचालय न होने के कारण इस श्रेणी में आने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं और छात्र-छात्राओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस समस्या से रूबरू होने के बाद भी प्रशासन और शासन से प्रभावी कदम न उठाए जाने से इस श्रेणी के लोगों द्वारा मांग की जाती रही है।
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दिव्यांगों के लिए शौचालय बनने के आसार बढ़े
- सवित्त विद्यालयों में दिव्यांगों के लिए शौचालयों की जानकारी मांगे जाने के प्रकरण में प्रधानाचार्यों का कहना है कि अब ऐसे शौचालय से विद्यालयों के लैश होने की संभावना बढ़ गई है। स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत दिव्यांग शौचालय के लिए अलग से धन मिलने की संभावनाएं व्यक्त की जा रही हैं। शासन के द्वारा धन भेजने पर ही शौचालयों का निर्माण हो सकेगा।