फर्रुखाबाद : परिषदीय विद्यालयों की सत्र परीक्षा में विभाग की ओर से न तो प्रश्नपत्र उपलब्ध कराए गए, न ही उत्तर पुस्तिकायें, स्कूलों में अध्यापकों ने प्रश्नपत्र बनाकर ब्लैक बोर्ड पर लिखे।
संवाद सहयोगी, कायमगंज : परिषदीय विद्यालयों की सत्र परीक्षा में विभाग की ओर से न तो प्रश्नपत्र उपलब्ध कराए गए, न ही उत्तर पुस्तिकायें। स्कूलों में अध्यापकों ने प्रश्नपत्र बनाकर ब्लैक बोर्ड पर लिखे। विद्यार्थियों ने अपनी कापी के पन्ने निकाल कर उत्तरपुस्तिका बनाकर परीक्षा दी।
बुधवार से प्रारंभ हुई सत्र परीक्षा के प्रति न तो परीक्षार्थियों में गंभीरता दिखी, न ही विभागीय अधिकारियों में। परीक्षा के दिनों में भी अनेक विद्यार्थी अनुपस्थित रहे। प्राथमिक विद्यालय कुकी खेल में एक मात्र शिक्षामित्र मो. मोहसिन मिले। परीक्षार्थी बच्चों से खचाखच भरे एक कक्ष में वह परीक्षा करा रहे थे। उन्होंने बताया कि उसमें कक्षा 3 से 5 तक के परीक्षार्थी एक साथ बैठाए हैं। दूसरे कक्ष में रसोइया महिला कक्षा 1 व 2 के बच्चों की परीक्षा करा रही थीं। कुल पंजीकृत 166 बच्चों में से करीब 100 उपस्थित बताए गए। मुहल्ला बजरिया स्थिति प्राथमिक विद्यालय में शिक्षामित्र श्रीश कुमार मिले। कक्षा एक से पांच तक के परीक्षार्थी तीन समूह मे बैठे थे। एक समूह को शिक्षामित्र तथा एक को रसोइया महिला देख रहीं थी। एक समूह के परीक्षार्थी ब्लैक बोर्ड के सामने बैठे थे। कुल पंजीकृत 125 बच्चों में लगभग 100 उपस्थित थे। शिक्षामित्र ने बताया कि विभाग से कोई प्रश्नपत्र नही आया, उन्होंने किताबों से प्रश्न छांट कर ब्लैक बोर्ड पर लिखे हैं। पूर्व माध्यमिक विद्यालय तहसील रोड मे प्रधानाध्यापक रामरतन व सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक अतर ¨सह परीक्षा कराते मिले। कक्षा 6 से 8 तक की तीन कक्षाओं के 27 परीक्षार्थी परीक्षा देते मिले। प्रधानाध्यापक ने बताया कि विभाग से तो कोई प्रश्न पत्र मिला नहीं, इसलिए उन्होंने स्वयं ही पाठ्यक्रम से प्रश्नपत्र तैयार कर ब्लैक बोर्ड पर लिखा है।
सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी रमेश चंद्र जौहर ने बताया कि सत्र परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र नहीं छपाये गये। प्रश्नपत्र की एक-एक प्रति स्कूलों को भेजने के लिए संकुल प्रभारियों को जिम्मेदारी दी गई है। अधिकांश स्कूलों में एक-एक प्रश्न पत्र पहुंचे हैं।