फर्रुखाबाद : परिषदीय विद्यालयों में बुधवार को दूसरी सत्र परीक्षा अव्यवस्थाओं के बीच शुरू
फर्रुखाबाद : परिषदीय विद्यालयों में बुधवार को दूसरी सत्र परीक्षा अव्यवस्थाओं के बीच शुरू हुई। कई विद्यालयों में न्याय पंचायत संसाधन केंद्रों (एनपीआरसी) से पेपर पहुंचे ही नहीं। इंतजार के बाद शिक्षकों ने किताब की सहायता से खुद ही प्रश्न बनाकर ब्लैकबोर्ड पर लिख दिए। कई विद्यालयों में छात्रों ने किताब से देखकर उत्तर लिखे।
सत्र परीक्षा के पहले दिन प्रथम पाली में ¨हदी की परीक्षा थी। शमसाबाद के प्राथमिक विद्यालय भटपुरा में बच्चे किताब से ही उत्तर लिखने में जुटे थे। बच्चे शिक्षण कक्षों के बजाए मैदान में परीक्षा दे रहे थे। शिक्षक सचिन कुमार का कहना था कि एनपीआरसी से पेपर न मिल पाने से उन्होंने प्रश्न बनाकर ब्लैकबोर्ड पर लिख दिए। प्राथमिक विद्यालय गदनपुर चैन में भी प्रश्नपत्र का प्रारूप नहीं पहुंचा। 10.45 बजे शिक्षिका ने श्यामपट पर प्रश्न लिखकर परीक्षा कराई। प्राथमिक विद्यालय चिलसरा प्रथम में भी पेपर आने का इंतजार होता रहा। बाद में 11 बजे बोर्ड पर प्रश्न लिखकर परीक्षा शुरू कराई गई। कुछ न्याय पंचायत समन्वयकों में प्रश्नपत्रों का लिखित प्रारूप विद्यालय में प्राप्त कराने के बजाए व्हाट्सएप पर ही डाल दिया। नेट की समस्या के कारण हेड मास्टर समय पर पेपर नहीं देख पाए। अनेक स्कूलों में बच्चों ने झुंड में बैठकर प्रश्नोत्तर लिखे।
बढ़पुर के उच्च प्राथमिक विद्यालय याकूतगंज में प्रभारी प्रधानाध्यापिका व एक शिक्षिका के छुट्टी पर होने से परीक्षा में बाधा पड़ी। विद्यालय में मौजूद शिक्षिका को प्रथम पाली में कक्षा 6, 7 व 8 में जाकर पूरा प्रश्नपत्र ब्लैकबोर्ड पर लिखना पड़ा। शिक्षिका एक कमरे से दूसरे कमरे में जाती तो बच्चे शोर-शराबा करने लगते। दूसरी पाली में भी यही क्रम चला। विद्यालय की छुट्टी भी समय से पहले हो गई। शिक्षिका का कहना था कि बच्चे उदंडता कर रहे थे। वे अकेली थीं। इसलिए पेपर पूरा होते ही छुट्टी करनी पड़ी। खंड शिक्षा अधिकारी बेगीश गोयल ने बताया कि गंभीरता से परीक्षा न कराने वाले प्रधानाध्यापकों को नोटिस दिया जाएगा।
खेलने में मस्त रहे बच्चे
मोहम्मदाबाद : प्राथमिक विद्यालय हरकमपुर में परीक्षा के दौरान बच्चे खेलने में मस्त थे। प्रधानाध्यापिका छुट्टी पर थीं। शिक्षामित्र आपस में ही बतियाने में लगे थे। शिक्षामित्र संजीव कुमार ने बताया कि प्रश्नपत्र नहीं आया। खुद ही प्रश्नपत्र बनाकर परीक्षा कराई गई। अन्य कुछ विद्यालयों में भी परीक्षा जैसा माहौल नहीं दिखा।