UP शिक्षक भर्ती: लिखित परीक्षा में पासिंग मार्क की बाध्यता नहीं
लखनऊ :68,500 शिक्षकों की लिखित परीक्षा में अभ्यर्थियों को ज्यादा नंबर लाने के लिए भले ही मेहनत करनी पड़े लेकिन इसमें पासिंग मार्क्स जैसी कोई बाध्यता नहीं है। इस परीक्षा के नंबरों का 60 फीसदी उनके शैक्षिक गुणांक में जोड़ा जाएगा।
दरअसल अभ्यर्थियों के बीच यह भ्रम फैल गया है कि अनारक्षित वर्ग को 60 फीसदी और आरक्षित वर्ग को 55 फीसदी अंक आने पर ही उत्तीर्ण माना जाएगा और उन्हें ही भर्ती प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा। इस भ्रम के चलते अभ्यर्थी कभी निदेशालय का घेराव कर रहे तो कभी इलाहाबाद में परीक्षा नियामक प्राधिकारी का।
बेसिक शिक्षा विभाग के निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने स्पष्ट किया कि ऐसी कोई व्यवस्था शिक्षक भर्ती नियमावली में नहीं है। लिखित परीक्षा में मिले अंकों के 60 फीसदी अंक ही शैक्षिक गुणांक में जोड़े जाएंगे, न कि 60 फीसदी अंक आने पर अभ्यर्थी पास माना जाएगा। यदि किसी अभ्यर्थी के लिखित परीक्षा में 150 में 40 नंबर भी आते हैं तो इसका 60 फीसदी यानी 24 नंबर गुणांक में जोड़े जाएंगे। वहीं शिक्षामित्रों को एक वर्ष के लिए 2.5 अंक का भारांक (वेटेज)दिया जाएगा। ये भारांक 25 अंकों से ज्यादा नहीं होगा।
इसे यूं समझे-
शैक्षिक गुणांक के लिए दसवीं, बारहवीं, स्नातक व बीटीसी में हर स्तर का 10-10 फीसदी व लिखित परीक्षा का 60 फीसदी मिला कर शैक्षिक गुणांक बनेगा। मान लीजिए अभ्यर्थी सुरेश के हाईस्कूल में 78 फीसदी, इंटरमीडिएट में 65 फीसदी, स्नातक में 60 और बीटीसी में 57 फीसदी नंबर आए हैं और लिखित परीक्षा में 120 नंबर तो शैक्षिक गुणांक कुछ यूं होगा-
हाईस्कूल 7.8
इंटरमीडिएट 6.5
स्नातक 6
बीटीसी 5.7
लिखित परीक्षा 72
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कुल 98 अंक
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