एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग
की समस्त सूचनाएं एक साथ

"BSN" प्राइमरी का मास्टर । Primary Ka Master. Blogger द्वारा संचालित.

जनपदवार खबरें पढ़ें

जनपदवार खबरें महराजगंज लखनऊ इलाहाबाद प्रयागराज गोरखपुर उत्तर प्रदेश फतेहपुर सिद्धार्थनगर गोण्डा बदायूं कुशीनगर सीतापुर बलरामपुर संतकबीरनगर देवरिया बस्ती रायबरेली बाराबंकी फर्रुखाबाद वाराणसी हरदोई उन्नाव सुल्तानपुर पीलीभीत अमेठी अम्बेडकरनगर सोनभद्र बलिया हाथरस सहारनपुर श्रावस्ती बहराइच मुरादाबाद कानपुर अमरोहा जौनपुर लखीमपुर खीरी मथुरा फिरोजाबाद रामपुर गाजीपुर बिजनौर बागपत शाहजहांपुर बांदा प्रतापगढ़ मिर्जापुर जालौन चित्रकूट कासगंज ललितपुर मुजफ्फरनगर अयोध्या चंदौली गाजियाबाद हमीरपुर महोबा झांसी अलीगढ़ गौतमबुद्धनगर संभल हापुड़ पडरौना देवीपाटन फरीदाबाद बुलंदशहर

Search Your City

इलाहाबाद : UPTET 2017 के रिजल्ट से बीएड व डीएलएड कालेजों पर लगा सवालिया निशान, टीईटी के अब तक के सबसे कम रिजल्ट से संस्थानों की गुणवत्ता पर अंगुलियां

0 comments

इलाहाबाद : UPTET 2017 के रिजल्ट से बीएड व डीएलएड कालेजों पर लगा सवालिया निशान, टीईटी के अब तक के सबसे कम रिजल्ट से संस्थानों की गुणवत्ता पर अंगुलियां

इलाहाबाद: उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी यूपी टीईटी 2017 के रिजल्ट ने प्रदेश के बीएड व डीएलएड कालेजों पर सवालिया निशान लगा दिया है। इस बार का रिजल्ट टीईटी के इतिहास में सबसे कम रहा है। साफ संकेत है कि संस्थानों में प्रशिक्षुओं की पढ़ाई सही दिशा में नहीं चल रही है। इससे नए कालेजों का अब मान्यता पाना भी मुश्किल होगा।

प्रदेश में सबसे पहले टीईटी की परीक्षा वर्ष 2011 में हुई थी। इस परीक्षा में सिर्फ प्रशिक्षित युवा ही शामिल हो सकते हैं। बीएड कालेजों में अंक व प्रमाणपत्र किस तरह से बांटे जा रहे हैं यह किसी से छिपा नहीं है। वहीं, 2012-13 से सूबे में निजी डीएलएड कालेज भी खुले हैं। उनकी तादात हर वर्ष बढ़ रही है। यह कालेज भी बीएड कालेजों की राह पर हैं। डायट में पर्याप्त स्टाफ न होने से पढ़ाई पटरी से उतर चुकी है। 1पहला वर्ष हर मामले में अपवाद : टीईटी का पहला इम्तिहान यूपी बोर्ड ने कराया था। उस वर्ष 11 लाख से अधिक अभ्यर्थी इम्तिहान में शामिल हुए और उनका सफलता प्रतिशत भी 50 फीसद से अधिक रहा। परीक्षा में गड़बड़ी को ले पूर्व शिक्षा निदेशक को जेल तक जाना पड़ा है। बाद में बोर्ड के टेबुलेशन रिकॉर्ड यानी टीआर में बदलाव होना भी सामने आया है।

कार्यालय में तैयार हुआ रिजल्ट : टीईटी का परीक्षा परिणाम इस बार किसी एजेंसी को नहीं दिया गया, बल्कि परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव ने अपने कार्यालय में ही पूरे ओएमआर शीट की स्कैनिंग कराकर रिजल्ट तैयार कराया। पूरा कार्य कैमरों की निगरानी में हुआ। रिजल्ट पर शिक्षामित्र भले ही नाखुश हो, लेकिन अन्य विवाद नहीं हुआ है, केवल उत्तरकुंजी का प्रकरण न्यायालय में है। 1ग्रेडिंग अधर में, आधार अनिवार्य : टीईटी का पिछले साल रिजल्ट कम आने पर एससीईआरटी ने डायट व निजी कालेजों पर शिकंजा कसने को हर संस्थान को ग्रेड देने का निर्देश दिया था। माना गया कि यह होने पर संस्थान अपनी बेहतरी करेंगे और अभ्यर्थी ग्रेड के हिसाब से कालेजों का चयन कर सकेंगे। अभी इस पर अमल नहीं हुआ है। वहीं, कालेजों के प्रवक्ताओं को आधार से जोड़ने का निर्देश हुआ। इसमें भी हीलाहवाली की गई आखिर में एनसीटीई ने मान्यता देने में इसे अनिवार्य किया।

नए कालेजों पर लगेगा विराम : प्रदेश में डीएलएड के निजी कालेजों की बाढ़ आ गई है। इस वर्ष कालेजों में 19 हजार सीटें खाली रह गई हैं। शासन ने नए कालेजों को मान्यता न देने के लिए एनसीटीई से अनुरोध करने का निर्णय किया था।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

महत्वपूर्ण सूचना...


बेसिक शिक्षा परिषद के शासनादेश, सूचनाएँ, आदेश निर्देश तथा सभी समाचार एक साथ एक जगह...
सादर नमस्कार साथियों, सभी पाठकगण ध्यान दें इस ब्लॉग साईट पर मौजूद समस्त सामग्री Google Search, सोशल नेटवर्किंग साइट्स (व्हा्ट्सऐप, टेलीग्राम एवं फेसबुक) से भी लिया गया है। किसी भी खबर की पुष्टि के लिए आप स्वयं अपने मत का उपयोग करते हुए खबर की पुष्टि करें, उसकी पुरी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस ब्लाग पर सम्बन्धित सामग्री की किसी भी ख़बर एवं जानकारी के तथ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी एवं समस्या पाए जाने पर ब्लाग एडमिन /लेखक कहीं से भी दोषी अथवा जिम्मेदार नहीं होंगे, सादर धन्यवाद।