अमरोहा : 11 जनवरी तक आठवीं तक के विद्यालय बंद होने की घोषणा जिलाधिकारी ने की थी, शिक्षकों की मौजूदगी अनिवार्य
अमरोहा : जिलाधिकारी के आदेश को नकार शिक्षक मनमानी पर उतारू है। डीएम ने आठवीं तक के स्कूलों में अवकाश की घोषणा कि थी लेकिन शिक्षकों की उपस्थिति स्कूलों में अनिवार्य की थी। ऐसे में बुधवार को जागरण की टीम ने पड़ताल की तो अधिकतर स्कूलों में या तो ताला मिला या फिर एक ही शिक्षक मौजूद मिले।
कड़ाके की ठंड के चलते जिलाधिकारी ने तीसरी बार कक्षा एक से आठ तक के स्कूलों में अवकाश की घोषणा की है। पिछले दो बार तो डीएम ने बच्चों के साथ शिक्षकों की भी छुट्टी की थी मगर अबकी बार स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य कर दी। निर्देश दिया कि वह समय से स्कूल पहुंच कर अपना कागजी कार्य पूरा करेंगे। दैनिक जागरण की टीम ने पड़ताल की तो हकीकत कुछ और ही दिखी।
बुधवार को जागरण टीम ने जिला अधिकारी के आदेश का कितना पालन हो रहा इसका जायजा लिया तो अधिकांश स्कूलों पर ताले लटक मिले। बच्चों के साथ शिक्षक भी स्कूल से गायब दिखे। जिलाधिकारी कार्यालय के ठीक सामने स्थित प्राथमिक विद्यालय रायपुर खुर्द में ही ताला लटका मिला। वही जोया ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय पतई खालसा में भी एक ही शिक्षिका मौजूद थीं। जबकि वहां पर चार शिक्षक तैनात है। पूछने पर पता चला अभी तक कोई नहीं आया है। यही नहीं अमरोहा ब्लाक के बीएसए कार्यालय के बगल में स्थित विद्यालय खुला मिला और शिक्षिका रजिस्टर मेंटेन करती दिखीं।
पड़ताल से साफ जाहिर है कि शिक्षकों के लिए अफसरों के आदेश का कोई मायने नहीं है।
इस आदेश से सबसे ज्यादा परेशानी शिक्षिकाओं को हो रही है। बहुत से स्कूल दूर-दराज स्थानों पर हैं। ऐसे में वह बच्चों के सहारे ही स्कूल में रहती थी। अब बच्चे नहीं हैं तो वह अकेली रहेंगी। ऐसी परिस्थिति में उनमें भय बना हुआ है। इस आदेश को लेकर संगठन जिलाधिकारी से मुलाकात करेगा।
मुकेश कुमार, मंत्री, प्राथमिक शिक्षक संघ
लगभग सभी स्कूल खुले थे। इस आदेश से शिक्षिकाओं को परेशानी हुई है। कारण बहुत सी शिक्षिकाओं के छोटे-छोटे बच्चे हैं, और वह स्कूल उन्हें लेकर आती है। ऐसे में उन बच्चों की भी तबीयत खराब होने का भी डर बना रहता है। यही नहीं स्कूल दूर होने के कारण महिलाओं में असुरक्षा की भावना है।
विकास चौहान, जिला संयोजक, उत्तर प्रदेश जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ
11 जनवरी तक आठवीं तक के विद्यालय बंद होने की घोषणा जिलाधिकारी ने की थी। मगर शिक्षकों की मौजूदगी अनिवार्य की थी। अगर शिक्षक उपस्थित नहीं हुए, तो इसकी जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। विभागीय टीम बनाई जाएगी, और स्कूलों का निरीक्षण कराया जाएगा। शिक्षकों की मौजूदगी अनिवार्य है।
गौतम प्रसाद, बीएसए।
गजरौला : ठंड को देखते हुए जिलाधिकारी ने कक्षा 8 तक के सभी विद्यालयों को बंद करने के आदेश दिए लेकिन निजी स्कूलों की बात तो दूर परिषदीय विद्यालयों में ही डीएम के आदेश को खूब ठेंगा दिखाया गया। कहीं पर पाठशाला बंद नजर आई तो कहीं शिक्षक ही नदारद मिले। विद्यार्थियों की छुट्टी में गुरुजी ने भी खूब मौज उड़ाई।
मंगलवार को डीएम नवनीत ¨सह चहल द्वारा जिले भर के कक्षा 8 तक के सभी स्कूलों में बच्चों की छुट्टी कर शिक्षक-शिक्षिकाओं को स्कूल में जाकर कामकाज निपटाने का आदेश जारी किया गया था। दैनिक जागरण ने डीएम के इस आदेश का पालन करने वाले परिषदीय स्कूलों में जाकर पड़ताल की तो आदेश को ठेंगा दिखने जैसा प्रतीत हुआ। नगर के लेकर गांवों तक में कहीं विद्यालय बंद था तो कहीं शिक्षक ही नदारद मिले।
बुधवार की पूर्वाह्न 11:30 बजे नगर के कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापिका सहित अन्य शिक्षिकाएं मौजूद रहते हुए कामकाज निपटाती नजर आईं। पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में स्टाफ तैनात रहा। कांशीराम कालोनी के प्राथमिक विद्यालय में चार में से दो ही शिक्षक-शिक्षिका ही मिले। बाकी दो के बारे में पूछा तो वह अवकाश पर बताए गए।
गांव अहरौला तेजवन के प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यपिका सीमा यादव सहित अन्य दो शिक्षिकाएं मौजूद थीं। प्राथमिक विद्यालय खाईखेड़ा में चार शिक्षक-शिक्षिकाओं में से मात्र 2 ही मिले। दोपहर 11:50 बजे तक तीसरे शिक्षक गौरव त्यागी विद्यालय नहीं पहुंचे थे। प्रधानाध्यापिका अवकाश पर होना बताई गकं। इसके पड़ोस में पूर्व माध्यमिक विद्यालय में छह शिक्षक तैनात हैं, लेकिन प्रधानाध्यापिका गिरीजा के साथ चार शिक्षक-शिक्षिकाएंही मौजूद थे। एक अवकाश पर बताए गए।
गांव शकूराबाद के प्राथमिक विद्यालय में शिक्षामित्र सहित तीनों शिक्षक-शिक्षिका मौजूद रहे। गांव सरकथली के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक चंद्रभानु वरुण के साथ चारों शिक्षक मौजूद मिले। प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका मधुरिमा ¨सह सहित अन्य शिक्षक-शिक्षिकाएं भी मौजूद रहे। गांव करर्मल्लीपुर के प्राथमिक विद्यालय में ताला लटका था। यहां कोई भी शिक्षक-शिक्षिका मौजूद नहीं मिले। गांव कासमाबाद के प्राथमिक विद्यालय में तीन शिक्षक-शिक्षिकाएं हैं, लेकिन बुधवार को प्रधानाध्यापिका वंदना सहित दो मौजूद रहे। तीसरा मेडिकल अवकाश पर होने की बात बताई गई। ऐसे ही गांव गढ़ावली, खुगांवली, कांकाठेर में शिक्षक-शिक्षिकाएं मौजूद रहे।
10 व 11 जनवरी को जिलाधिकारी द्वारा अवकाश घोषित किया गया था, लेकिन उसमें सिर्फ बच्चों की छुट्टी की गई है। शिक्षक-शिक्षिकाओं को विद्यालय में मौजूद रहने के आदेश हैं, किन्हीं विद्यालयों में शिक्षक-शिक्षिकाएं नदारद मिले या विद्यालय बंद मिले तो उन्हें तलब कर स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। उसके बाद कार्रवाई की जाएगी।
राकेश कुमार गौड़, खंड शिक्षा अधिकारी, गजरौला।