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अम्बेडकरनगर : माध्यमिक शिक्षा परिषद की बोर्ड परीक्षा 2018 को पारदर्शी कराए जाने के लिए परीक्षा केंद्र निर्धारण में जमकर खेल हुआ

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अम्बेडकरनगर : माध्यमिक शिक्षा परिषद की बोर्ड परीक्षा 2018 को पारदर्शी कराए जाने के लिए परीक्षा केंद्र निर्धारण में जमकर खेल हुआ

अंब डकरनगर : माध्यमिक शिक्षा परिषद की बोर्ड परीक्षा 2018 को पारदर्शी कराए जाने के लिए परीक्षा केंद्र निर्धारण में जमकर खेल हुआ। हालात यह रहे कि अधिकांश विद्यालयों की क्षमता और संसाधन को कमतर दिखा दिया गया। यह गड़बड़झाला जिला स्तर से भेजी गई सत्यापन सूची में किया गया है। खास बात है कि परीक्षा परिषद की ओर से मांगे गए प्रत्यावेदन भी महज छलावा बनकर रह गए। वहज विभाग ने इनका मनमाने तौर पर निस्तारण ही नहीं किया बल्कि बोर्ड को भी मनमानी रिपोर्ट भेज दी। इसके पीछे जिला स्तर के अधिकारी अपनी गलती को छिपाने की जुगत में रहे। वहीं व्यापक स्तर पर विद्यालयों में संसाधनों को कमतर दिखाए जाने को लिपिकीय त्रुटि बताकर अधिकारी जान बचा रहे हैं। जबकि परीक्षा केंद्र नहीं बनाए जाने तथा मानक के विपरीत 20 से 25 किलोमीटर दूर परीक्षा केंद्र बनाने की वजह भी बताने में जिम्मेदार नाकाम हैं तो पारदर्शी प्रणाली अक्षांश और देशांतर पर दिए गए ब्यौरे पर भी गच्चा खा गई।

गौरतलब है कि बोर्ड परीक्षा में केंद्र बनने से वंचित रहे विद्यालयों के सापेक्ष 112 कॉलेजों की ओर से प्रत्यावेदन दिया गया है। पांचों तहसीलों से मिले प्रत्यावेदन का अवलोक किए जाने पर परीक्षा परिषद और जिला स्तर पर हुई गड़बड़ी और मनमानी की पोल खुलती है। टांडा तहसील क्षेत्र में नृपति नरायन ¨सह स्मारक इंटर कॉलेज को मानक पूरा होने के बाद भी परीक्षा केंद्र नहीं बनाया गया। यहां सीसीटीवी कैमरा नहीं लगे होने की फर्जी सत्यापन आख्या बोर्ड को भेजी गई। हालांकि डीआइओएस ने इसे लिपिकीय त्रुटि बताते हुए सुधार किया लेकिन प्रत्यावेदन निस्तारण के बाद बोर्ड को परीक्षा केंद्र बनाने के लिए प्रस्तावित सूची में दोबारा नहीं भेजा गया। जलालपुर तहसील क्षेत्र के कॉलेजों का प्रत्यावेदन देखा जाए तो यहां मां कमला देवी बालिका इंटर कॉलेज के छात्रों का परीक्षा केंद्र 15 से 20 किलोमीटर दूर बनाया गया है। रामलोचन इंटर कॉलेज में एक ही प्रबंधक के जनता इंटर कॉलेज नेवादा को परीक्षा केंद्र बना दिया गया। महारानी लक्ष्मीबाई मेमोरियल बालिका इंटर कॉलेज बिहलोलपुर को परीक्षा केंद्र बनाए जाने में ग्रे¨डग का खिलवाड़ हुआ। जबकि इससे कम ग्रे¨डग के कॉलेजों का परीक्षा केंद्र बनाया गया है। बाबा बनारसीदास इंटर कॉलेज उसरहा का परीक्षा केंद्र 40 किलोमीटर दूर बनाया गया है। उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सकरा युसुफपुर का परीक्षा केंद्र 25 किलोमीटर दूर बनाया गया है। जबकि उक्त विद्यालय में सीसीटीवी कैमरे की सुविधा होने के बाद भी सत्यापन में अधिकारियों ने इसकी अनुपलब्धता दिखाई है। राममूरत लालदेयी इंटरकॉलेज बेरमा बंदीपुर में 18 कक्ष होने के बाद भी सत्यापन आख्या में महज चार कमरे ही होने की रिपोर्ट दी गई। श्रीमती संपत्ती देवी बालिका इंटर कॉलेज बड़ागांव में सीसीटीवी व जेनरेटर होने के बाद भी सत्यापन में इसका अभाव होना दिखाया गया है। इसके अलावा आलापुर तहसील क्षेत्र में रामपाल स्मारक आमादरवेशपुर में कक्ष की संख्या कम दिखाई गई है। एसवी प्रजापति बालिका इंटर कॉलेज हकीमपुर खुर्द में 20 कमरों के बजाए 12 कमरे बताए गए और 760 छात्रों की क्षमता वाले विद्यालय को महज 250 की क्षमता दिखाते हुए कमतर आंकने का खेल हुआ। डॉ. राम मनोहर लोहिया इंटर कॉलेज इटौरी बुजुर्ग में सीसीटीवी कैमरा, जेनरेटर व कंप्यूटर होने के बाद भी इसकी अनुपलब्धता दिखा दी गई। बाबा राजबली स्मारक बालिका इंटर कॉलेज ककरही किशनपुर के साथ तो गजब का खेल हुआ। इस विद्यालय का कोड ही बदल गया। उक्त विद्यालय के कोड 1248 के बजाए किसी अन्य विद्यालय 1342 को कोड अंकित कर इसपर गंभीर अनियमितता और ¨हसा आदि परीक्षा के दौरान होने का फर्जी आरोप मढ़ दिया गया। मां शांती देवी बालिका इंटर कॉलेज लखनपट्टी ढोलबजवा में तो 14 कक्षों में 500 के बजाए 175 छात्रों के बैठने की गलत रिपोर्ट दी गई। ऐसे ही अन्य तीनों तहसीलों के विद्यालयों की क्षमता और संसाधनों को वास्तविक तौर पर दिखाए जाने में सत्यापन आख्या का खेल हुआ है। अहम बात है कि कॉलेजों को दिए गए लिखित जवाब में डीआइओएस ने परीक्षा केंद्र निर्धारण में खामियां होने की बात को स्वीकार किया है। जिला विद्यालय निरीक्षक विनोद कुमार ¨सह ने बताया कि सत्यापन आख्या पूरी तरह से सही। विद्यालयों की ओर से गलत रिपोर्ट दी जा रही है। परीक्षा केंद्र बनाए जाने की कवायद उच्चतर स्तर पर की गई है।

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