लखनऊ : हाजिरी की गलत सूचना देना पड़ेगा महंगा, होगी एफआईआर, जिले के 900 शिक्षण संस्थाओं में जाकर हाजिरी का सत्यापन करेगी 80 अधिकारियों की टीम, डीएम को भेजी गई फाइल
परीक्षा में नहीं बैठे तो लौटाना होगा पैसा
केएस मिश्रा ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में करीब 1 लाख 30 हजार स्टूडेंट्स ने छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए आवेदन किया है। उन्होंने बताया कि अगर 75 फीसदी से कम हाजिरी मिली तो समाज कल्याण विभाग से भी पैसा रोक दिया जाएगा। इसके अलावा अगर कोई स्टूडेंट परीक्षा में नहीं बैठा और उसके बैंक अकाउंट में रकम चली भी जाती है तो स्टूडेंट समेत शिक्षण संस्था की जिम्मेदारी होगी कि वो पैसा विभाग को वापस कर दें।
लखनऊ: अब छात्रवृत्तियों में फर्जीवाड़ा करना महंगा पड़ सकता है। समाज कल्याण विभाग ने अगले हफ्ते से पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए आवेदन करने वाले स्टूडेंट्स की हाजिरी का सत्यापन करने के निर्देश दिए हैं। सत्यापन के दौरान हाजिरी की गलत जानकारी देने पर शिक्षण संंस्थान के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी के तहत मुकदमा दर्ज करवाया जाएगा।
राजधानी में पोस्ट मैट्रिक के करीब 900 शिक्षण संस्थाएं हैं। जिला समाज कल्याण अधिकारी केएस मिश्रा ने बताया कि स्कॉलरशिप आवेदन का कार्य पूरा हो चुका है। विभाग से मिले निर्देशों के तहत ही प्रत्येक आवेदक की हाजिरी का शिक्षण में जाकर सत्यापन करवाया जाएगा। जिन स्टूडेंट्स की 75 फीसदी से कम हाजिरी मिली, उन्हें स्कॉलरशिप नहीं मिलेगी। उन्होंने बताया कि 80 अधिकारियों की टीम शिक्षण संस्थाओं में जाएगी और जांच करेगी। उन्होंने बताया कि अधिकारियों के नाम तय करने की फाइल डीएम कौशलराज शर्मा को अनुमोदन के लिए भेज दी गई है। इसमें एसडीएम, एसीएम, बीडीओ से लेकर जिला स्तरीय कई विभागों के अधिकारी शामिल होंगे।