भदोही : परिषदीय प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में बेपटरी हुई शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के उद्देश्य से जिलाधिकारी द्वारा की गई सख्ती ने पूरे बेसिक शिक्षा विभाग में हलचल मचा दी
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : परिषदीय प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में बेपटरी हुई शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के उद्देश्य से कलेक्टर यानी जिलाधिकारी विशाख जी द्वारा की गई सख्ती ने पूरे बेसिक शिक्षा विभाग में हलचल मचा दी है। स्थिति यह है कि विद्यालयों से लेकर खंड शिक्षाधिकारियों के दफ्तर तक में जिलाधिकारी द्वारा कराए गए औचक निरीक्षण की चर्चा छाई हुई है। हालांकि इस दौरान जहां ऐसे शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है जो विद्यालय नहीं आना चाहते तो कुछ शिक्षक इस कदम को पूरे विभाग के लिए लाभकारी मान रहे है। उनका मानना है कि ऐसा अभियान नियमित चलना चाहिए ताकि जो शिक्षक विद्यालय में दस्तक न देकर पूरे महकमे को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं उन पर अंकुश लग सके। दरअसल, बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित परिषदीय विद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था को सु²ढ़ बनाने को लेकर शासन स्तर से नि:शुल्क पुस्तकें, बच्चों को यूनिफार्म, जूता-मोजा, दोपहर भोजन यहां तक कि अब स्वेटर देने आदि तमाम कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। इसके बाद भी कभी विद्यालयों में घटती छात्र संख्या तो कभी शिक्षकों के समय से न आने को लेकर हमेशा शिकायत उठती रहती है। अधिकतर विद्यालयों में शिक्षकों के लेट लतीफ पहुंचने व समय से पहले विद्यालय बंद कर गायब हो जाने की शिकायत भी छाई रहती है। बहरहाल जिलाधिकारी ने गत गुरुवार को जब एक साथ डेढ़ दर्जन अफसरों की टीम गठित कर औचक निरीक्षण कराया तो सच्चाई खुलकर सामने आ गई। लगभग अधिकतर विद्यालयों में दर्जन भर से अधिक शिक्षक अनुपस्थित मिले। टीमों की ओर से मिली रिपोर्ट पर अनुपस्थित शिक्षकों पर हुई कार्रवाई के के बाद पूरे महकमें में हलचल मची हुई है। कोई जिलाधिकारी के इस रूख से सकते में हो तो कोई इसे विभाग के लिए बेहद लाभकारी होने के रूप में देख रहा है। वैसे जो भी हो लेकिन हर कोई जिलाधिकारी के इस कदम को लेकर चर्चा में जुटा हुआ है।
कैसे छूटे जान, करने लगे इंतजाम
- जिलाधिकारी द्वारा कराए गए औचक निरीक्षण में फंस चुके शिक्षक कार्रवाई के बाद अब कैसे छूटे जान, इसका इंतजाम करने में जुट चुके हैं। दरअसल, औचक निरीक्षण में एक दर्जन से अधिक शिक्षक नदारद मिले थे। इसमें किसी के वेतन को काटने तो किसी के वेतन को रोकने आदि की कार्रवाई की गई है। ऐसे में यह शिक्षक अब इस कार्रवाई से कैसे जान छूटे इसे लेकर यहां-वहां हाथ-पांव मारना शुरू कर चुके हैं।