लखनऊ : नहीं हो पा रहा आयोगों का गठन, विपक्षी पार्टियां गठन में देरी की वजह से सरकार के फैसला लेने की क्षमता पर भी सवाल उठा रही
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त पद पर सेवानिवृत्त आइएएस मनोज कुमार की भले तैनाती हो गई है लेकिन, अन्य कई आयोगों के गठन का खत्म नहीं हो रहा है। कई ऐसे आयोग हैं जिनके गठन के साथ ही भर्तियों और नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू होनी है परंतु इनके गठन पर असमंजस बरकरार है। विपक्षी पार्टियां गठन में देरी की वजह से सरकार के फैसला लेने की क्षमता पर भी सवाल उठा रही हैं।
प्रदेश में अभी दो वर्ष तक कोई ऐसा चुनाव नहीं होना है जिसकी जिम्मेदारी राज्य निर्वाचन आयोग पर हो, लेकिन सरकारी नौकरियों में भर्ती से लेकर अन्य कई ऐसे लक्ष्य सामने पड़े हैं जो सरकार के प्रमुख एजेंडे में हैं। इसके लिए आयोगों का गठन होना जरूरी है परंतु उसकी तारीख पर तारीख बढ़ती जा रही है। खरमास होने की वजह से यह कहा जा रहा था कि मकर संक्रांति के बाद फैसले होंगे और आयोगों के दिन बहुरेंगे लेकिन मकर संक्रांति के कई दिन बाद भी रिक्तता होने से विपक्ष को भी सवाल करने का मौका मिल गया है।
आयोगों का पुनर्गठन न होने से इलाहाबाद में आंदोलन, अनशन, प्रदर्शन तक हो चुका है। प्रतियोगी खासे खफा हैं। उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग, अधीनस्थ चयन सेवा आयोग, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से भर्तियों की डोर जुड़ी है। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की प्रक्रिया पिछले कई माह से शुरू है। सरकार ने इसके लिए अगस्त में ही विज्ञापन निकाला था और दिसंबर तक ही इसका गठन हो जाना था लेकिन नगरीय निकाय चुनाव आदि की वजह से इसमें विलंब होता गया। इसके लिए सारी औपचारिकता भी पूरी हो चुकी है। इसके अध्यक्ष और सदस्यों के चयन के लिए प्रस्तावित नाम भी भेजे जा चुके हैं फिर भी नाम तय नहीं हो पा रहा है। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को समूह ग के पचास हजार से अधिक पदों पर भर्तियां करनी हैं।
विद्युत नियामक आयोग में भी अध्यक्ष का पद खाली
भर्ती आयोगों से इतर विद्युत नियामक आयोग में अध्यक्ष व सदस्य के एक पद पर नियुक्ति की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है। यहां अध्यक्ष का पद देश दीपक वर्मा के राज्यसभा का सचिव बनाए जाने के बाद से ही खाली है। हालांकि उनके जाने के बाद ही पद विज्ञापित कर दिया गया था लेकिन अब तक नियुक्ति नहीं हो सकी है।
सूचना आयोग और बाल आयोग में भी पद रिक्त
राज्य सूचना आयोग में भी सदस्य के दो पद खाली हैं। इसी तरह राज्य बाल आयोग में भी सदस्यों के चार पद रिक्त चल रहे हैं।
रेरा का भी गठन नहीं
रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) का भी गठन होना है। इसके लिए भी सारी औपचारिकताएं पूरी हैं लेकिन, अध्यक्ष व दो सदस्य का चयन नहीं हो पा रहा है।’अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को करनी है 50 हजार से अधिक भर्तियां शिक्षा बोर्ड और आयोग का भी नहीं हो सका गठन माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में अध्यक्ष व सदस्यों के दस पद रिक्त हैं, जबकि उच्च शिक्षा आयोग में अध्यक्ष व चार सदस्यों की नियुक्ति प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है। इनके लिए आए आवेदनों की स्क्रीनिंग हो चुकी है। कई सेवानिवृत्त आइएएस और पीसीएस अधिकारियों ने आवेदन कर रखा है। सपा शासन के समय इन दोनों संस्थाओं में दस हजार पदों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही थी। इनके गठन से नियुक्तियों का रास्ता साफ होगा।