इलाहाबाद : बोर्ड के बाद शिक्षक भर्ती परीक्षा में निजी स्कूलों को झटका
हिन्दुस्तान टीम, इलाहाबाद । यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के केंद्र निर्धारण में तकरीबन तीन हजार वित्तविहीन स्कूलों को बाहर करने के बाद सरकार ने परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए प्रस्तावित लिखित परीक्षा में भी वित्तविहीन स्कूलों को बड़ा झटका दिया है। शिक्षक भर्ती की परीक्षा के लिए यूपी बोर्ड से मान्यता प्राप्त वित्तविहीन स्कूल केंद्र नहीं बनेंगे।
शासन की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार परीक्षा के लिए राजकीय, सीबीएसई, आईसीएसई और सहायता प्राप्त विद्यालयों एवं महाविद्यालयों को ही परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा। मंडल मुख्यालय पर स्थित अन्य बोर्ड से मान्यता प्राप्त तथा अच्छी ख्याति के इंटर कॉलेज या डिग्री कॉलेज को परीक्षा आयोजन के लिए उपयोग में लाया जा सकेगा।
अपरिहार्य परिस्थितियों में ही वित्तविहीन मान्यता प्राप्त विद्यालयों को औचित्य सिद्घ होने पर परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा। परीक्षा मंडल मुख्यालय वाले जिले में ही होगी। परीक्षा केंद्र शहरी क्षेत्र में ही बनाए जाएंगे जिससे सुरक्षा की समुचित व्यवस्था हो सके। प्रत्येक परीक्षा केंद्र के लिए कम से कम 500 अभ्यर्थी आवंटित किए जाएंगे। वे ही स्कूल या कॉलेज सेंटर बनाए जाएंगे जहां पर्याप्त सुविधाएं जैसे बड़े हवादार कमरे, पर्याप्त फर्नीचर, पंखे, पीने का पानी तथा शौचालय आदि की व्यवस्था उपलब्ध हों।
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डीएम की अध्यक्षता में बनेगी कमेटी
इलाहाबाद। परीक्षा केंद्र निर्धारण के लिए डीएम की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी। एसएसपी, प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट), बेसिक शिक्षा अधिकारी सदस्य होंगे जबकि जिला विद्यालय निरीक्षक सदस्य सचिव के रूप में कार्य करेंगे। डीएम परीक्षा से एक सप्ताह पहले सभी स्कूल व कॉलेज के प्रधानाचार्यों के साथ संयुक्त बैठक करेंगे। जिसमें परीक्षा केन्द्रों की सुचारू व्यवस्था तथा वहां उपलब्ध संस्थागत सुविधाओं तथा परीक्षा में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने की रणनीति तैयार की जाएगी। जिले में नकलविहीन तथा शुचितापूर्ण ढंग से परीक्षा कराने की जिम्मेदारी डीएम की होगी।