नई दिल्ली : नर्सरी दाखिला, स्पेशल बच्चों के लिए मुश्किल है दाखिले की डगर
हिन्दुस्तान टीम, नई दिल्ली । ईडब्ल्यूएस-डीजी कैटेगरी में इस सत्र में स्पेशल बच्चों के लिए दाखिले की राहें बहुत कठिन हो गई हैं। आयुसीमा तय होने के चलते ऑटिज्म, डिसेबल आदि समस्याओं से जूझ रहे स्पेशल बच्चों के लिए दाखिला मुश्किल होगा। अभिभावकों का कहना है कि दाखिले में डीजी कैटेगरी को कम से कम तीन साल आयु की छूट मिलनी चाहिए। सरकारी नौकरी में भी विशिष्ट जनों को आयु में दस साल तक छूट मिलती है।
पूर्वी दिल्ली में रहने वाली पिंकी बताती हैं कि उनका बेटा अक्षत दो साल की उम्र से ऑटिज्म से पीड़ित है। वह सामान्य बच्चों से थोड़ी देर में सीखता है। पिंकी कहती हैं कि मैं बीते दो साल से अक्षत के नर्सरी दाखिले के लिए डीजी श्रेणी में कोशिश कर रही हूं। दो साल में उसका नंबर नहीं आया। इस साल उसकी उम्र सात साल पूरी हो गई है। अब अधिकतम उम्र सीमा सात साल तय होने के बाद मैं उसके लिए आवेदन नहीं कर सकती हूं। अब मेरे सामने उसे स्पेशल स्कूल में पढ़ाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। अब उसे मुख्यधारा के बच्चों के साथ पढ़ने का शायद ही कोई मौका मिल पाए।
वहीं कई अभिभावकों ने स्कूलों में सामान्य वर्ग से दाखिले के लिए आवेदन कर दिया था। उन्होंने महंगी फीस देकर स्कूलों में स्पेशल बच्चों के लिए आरक्षित सीट पा ली है। लेकिन, अक्षत जैसे तमाम बच्चे जो देर से सीखते हैं। जो अपनी उम्र से बड़े होकर भी बुद्धि स्तर से कम आयु के होते हैं, उनके लिए नर्सरी में डीजी कैटेगरी में दाखिला पाना मुश्किल है। ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल का कहना है कि अभिभावक ऑफलाइन आवेदन करके निदेशालय में जमा कराएं। अगर वहां आवेदन नहीं लिया जाता तो न्यायालय में याचिका डालें। इस तरह के मामलों में सरकार को अलग से व्यवस्था करनी ही चाहिए।