इलाहाबाद : आयोग खाली, अफसरों पर दोहरी जिम्मेदारी, योगी सरकार ने आखिरकार अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का पुनर्गठन कर दिया
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : योगी सरकार ने आखिरकार अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का पुनर्गठन कर दिया है, लेकिन दस माह बाद भी अन्य आयोग ठप पड़े हैं। बड़ी संख्या में पूर्व अफसर व अन्य ने अध्यक्ष व सदस्य बनने के लिए आवेदन किया है, फिर भी गठन की गुत्थी सुलझ नहीं पा रही है। इससे प्रतियोगी आंदोलन की राह चल पड़े हैं। आयोग ही नहीं शिक्षा महकमे में अफसरों का चयन और उनकी पदोन्नति तक अटकी है। इसी वजह से कई अफसर दो-दो जिम्मेदारियों का लंबे समय से निर्वहन कर रहे हैं।
प्रदेश सरकार ने बेसिक से लेकर उच्च शिक्षा तक में दस महीने में ही कई प्रयोग किए हैं, उनमें से कुछ पर अमल हो रहा है तो कई आने वाले दिनों में धरातल पर उतरेंगे। इस दौरान भर्तियां रफ्तार नहीं पकड़ पाई हैं। इसकी मुख्य वजह आयोगों का ठप होना है। मार्च में अधीनस्थ आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष ने इस्तीफा दे दिया था, वहां अब नए अध्यक्ष व सदस्यों की तैनाती हो सकी है, जबकि माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र व उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग उप्र को खाली कराने में ही कई माह लग गए। किसी तरह से अध्यक्ष व सदस्य हटे और इन पदों के लिए आवेदन मांगे गए। उसमें इतने ज्यादा आवेदन हुए हैं कि अध्यक्ष व सदस्य चुनने में परेशानी हो रही है। इससे अधिकांश भर्तियां ठप पड़ी हैं।
सरकार ने छात्र, परीक्षार्थी व अभिभावकों के हित में कई कदम उठाए हैं, उन पर तेजी से अमल न हो पाने की मुख्य वजह अहम अफसरों को दोहरी जिम्मेदारी सौंपा जाना है। शिक्षा महकमे में अफसरों का अब तक संयोजन नहीं हो सका है। जिले व मंडलों में तैनात अधिकांश अफसर पिछली सरकारों में भी वैसे ही पदों पर काबिज रहे हैं। मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों के पद पर पदोन्नति हुई, फिर भी कुछ के पास दोहरा प्रभार है। यही हाल जिला विद्यालय निरीक्षक आदि पदों का भी है। शिक्षा संवर्ग ‘ख’ के लिए पदोन्नति पिछले सप्ताह ही पूरी हुई है।
*माध्यमिक निदेशक का पद होगा रिक्त*: माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. अवध नरेश शर्मा 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हो रहे हैं और छह फरवरी से यूपी बोर्ड की परीक्षाएं शुरू होनी है। विभाग ने अभी निदेशक पद पर डीपीसी पूरी नहीं की है, जबकि यह कार्य 2017 में ही होना था। ज्ञात हो कि बेसिक शिक्षा निदेशक दिनेश बाबू शर्मा के सेवानिवृत्त होने के बाद से पदोन्नति अटकी है। एससीईआरटी के निदेशक डा. सर्वेद्र विक्रम बहादुर सिंह को बेसिक का अतिरिक्त दायित्व मिला है। यही नहीं यूपी बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव को भी बोर्ड परीक्षाओं के साथ ही चयन बोर्ड भी संभालना होगा।
*इन अफसरों को अतिरिक्त दायित्व*
1. डा. सर्वेद्र विक्रम बहादुर सिंह
’बेसिक शिक्षा निदेशक
’एससीईआरटी निदेशक
2. संजय सिन्हा
’बेसिक शिक्षा परिषद सचिव
’निदेशक सीमैट इलाहाबाद
3. विनय कुमार पांडेय
’अपर निदेशक बेसिक शिक्षा
’अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा
4. नीना श्रीवास्तव
माध्यमिक शिक्षा परिषद सचिव
’माशिसे चयन बोर्ड उप्र सचिव
5. आनंदकर पांडेय
’निदेशक मनोविज्ञान शाला
’प्राचार्य राज्य प्रबंधन संस्थान इलाहाबाद
6. डा. सुत्ता सिंह
’परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव
’निदेशक राज्य विज्ञान संस्थान