एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग
की समस्त सूचनाएं एक साथ

"BSN" प्राइमरी का मास्टर । Primary Ka Master. Blogger द्वारा संचालित.

जनपदवार खबरें पढ़ें

जनपदवार खबरें महराजगंज लखनऊ इलाहाबाद प्रयागराज गोरखपुर उत्तर प्रदेश फतेहपुर सिद्धार्थनगर गोण्डा बदायूं कुशीनगर सीतापुर बलरामपुर संतकबीरनगर देवरिया बस्ती रायबरेली बाराबंकी फर्रुखाबाद वाराणसी हरदोई उन्नाव सुल्तानपुर पीलीभीत अमेठी अम्बेडकरनगर सोनभद्र बलिया हाथरस सहारनपुर बहराइच श्रावस्ती मुरादाबाद कानपुर अमरोहा जौनपुर लखीमपुर खीरी मथुरा फिरोजाबाद रामपुर गाजीपुर बिजनौर बागपत शाहजहांपुर बांदा प्रतापगढ़ मिर्जापुर जालौन चित्रकूट कासगंज ललितपुर मुजफ्फरनगर अयोध्या चंदौली गाजियाबाद हमीरपुर महोबा झांसी अलीगढ़ गौतमबुद्धनगर संभल हापुड़ पडरौना देवीपाटन फरीदाबाद बुलंदशहर

Search Your City

लखनऊ : अब किताबें भी समय से नहीं पहुंचेंगी स्कूल, अभी तक किताबों का टेण्डर नहीं हुआ प्रकाशित

0 comments

लखनऊ : अब किताबें भी समय से नहीं पहुंचेंगी स्कूल, अभी तक किताबों का टेण्डर नहीं हुआ प्रकाशित

प्रमुख संवाददाता- राज्य मुख्यालय । प्राइमरी स्कूल के बच्चों को स्वेटर बांटने में किरकिरी झेल चुकी राज्य सरकार ने इससे सबक नहीं लिया है। राज्य सरकार ने अभी तक निशुल्क दी जाने वाली किताबों का टेंडर नहीं निकाला है। ऐसे में अप्रैल में किताबों का स्कूल पहुंच पाना नामुमकिन लग रहा है। राज्य सरकार लगभग 1.90 करोड़ बच्चों को निशुल्क पाठ्य पुस्तकें देती है।

राज्य सरकार ने पहली बार सरकारी स्कूलों के बच्चों को स्वेटर बांटने का निर्णय तो ले लिया लेकिन उस पर अमल करने में इतनी देरी कर दी कि सर्दी लगभग बीत गई। प्रदेश के 1.54 करोड़ बच्चों में से लगभग 16 लाख बच्चे ही अभी स्वेटर पहन पाए हैं लेकिन राज्य सरकार ने इससे सबक नहीं लिया है और किताबें अभी छपने भी नहीं जा पाई हैं।

जनवरी लगभग बीत चुकी है और टेण्डर तक आमंत्रित नहीं किए गए हैं। टेंडर निकालने के लिए अधिकारी राज्य सरकार से हरी झण्डी मिलने का इंतजार कर रहे हैं। सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्रदेश के सभी सरकारी व सहायताप्राप्त स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को निशुल्क पाठ्यपुस्तकें दी जाती हैं। लगभग 1.90 बच्चों के लिए लगभग 10 करोड़ किताबें छापी जाती हैं। इनके छपने के लिए 30-35 प्रकाशकों का एक समूह बनाया जाता है। छपने से लेकर स्कूलों तक पहुंचने में लगभग तीन महीने का समय लगता है।

बीते वर्षों पर नजर डालें तो बेसिक शिक्षा विभाग में किताबों का प्रकाशन हमेशा से विवादों में रहा है। बीते दो-तीन वर्षों से टेण्डर निकलने और निरस्त होने की परम्परा बनती जा रही है। बीते वर्ष भी टेण्डर निरस्त होने के बाद दोबारा टेण्डर निकाला गया। मई में टेण्डर निकाले गए और जुलाई से किताबें बंटना शुरू हुई। पूरे प्रदेश में किताबें बंटते-बंटते सत्र भी समाप्ति की ओर पहुंच गया था।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

महत्वपूर्ण सूचना...


बेसिक शिक्षा परिषद के शासनादेश, सूचनाएँ, आदेश निर्देश तथा सभी समाचार एक साथ एक जगह...
सादर नमस्कार साथियों, सभी पाठकगण ध्यान दें इस ब्लॉग साईट पर मौजूद समस्त सामग्री Google Search, सोशल नेटवर्किंग साइट्स (व्हा्ट्सऐप, टेलीग्राम एवं फेसबुक) से भी लिया गया है। किसी भी खबर की पुष्टि के लिए आप स्वयं अपने मत का उपयोग करते हुए खबर की पुष्टि करें, उसकी पुरी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस ब्लाग पर सम्बन्धित सामग्री की किसी भी ख़बर एवं जानकारी के तथ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी एवं समस्या पाए जाने पर ब्लाग एडमिन /लेखक कहीं से भी दोषी अथवा जिम्मेदार नहीं होंगे, सादर धन्यवाद।