चित्रकूट : प्रदेश की योगी सरकार शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव ला रही है जिसकी झलक तो अभी से दिखने लगी, पाठा में माडल स्कूलों से जलेगी शिक्षा की ज्योति
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जागरण संवाददाता, चित्रकूट : प्रदेश की योगी सरकार शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव ला रही है जिसकी झलक तो अभी से दिखने लगी है लेकिन नया साल विशेष जिले के लिए होगा। दो-दो माडल स्कूल सुदूर क्षेत्रों को मिलेंगे तो करीब एक दर्जन पूर्व माध्यमिक विद्यालयों का उच्चीकरण होने की संभावना है। यह भी उम्मीद है कि बजट के अभाव से जूझ रहे राजकीय बालिका इंटर कालेज राजापुर और मानिकपुर के भवन भी बनकर तैयार हो जाएंगे।
जिले की प्राथमिक शिक्षा में भले ही अभी शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार उतना नजर नहीं आ रहा है लेकिन विद्यालयों के रखरखाव ने अलग छाप छोड़ी है। आज परिषदीय विद्यालय रंगरोगन के साथ नए कलेवर में नजर आते हैं। सरैया का पूर्व माध्यमिक विद्यालय प्रदेश का स्वच्छता पुरस्कार भी जीत चुका है। आज उसी नक्शे कदम में और भी विद्यालय चल निकले हैं। जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी ने तो मानिकपुर ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय नया पुरवा को माडल स्कूल बनाने का बीड़ा उठाया है। माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में भी काफी नए बदलाव देखने को नए साल में आएंगे। जिला विद्यालय निरीक्षक डा. जितेंद्र ¨सह के सामने सबसे बड़ी चुनौती नकल विहीन बोर्ड परीक्षा कराने की है। विभाग ने इसको लेकर पूरी तैयारी कर ली है और नकल के बदनाम सेंटरों पर नकेल कसने की पूरी व्यवस्था है। डीआईओएस ने बताया कि नए साल में पाठा को दो माडल स्कूल मिलेंगे। एक माडल स्कूल ऊंचाडीह और दूसरा बरगढ़ के हरदीकला में तैयार है। इनके संचालन के लिए प्राइवेट एजेंसी की व्यवस्था की जा रही है। इसी प्रकार ग्यारह पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के उच्चीकरण का भी प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। वहीं काफी समय से बजट के अभाव में जीजीआईसी राजापुर व मानिकपुर भवन निर्माण का काम रुका है उसके लिए भी बजट की मांग की गई है पूरी संभावना है कि दोनों विद्यालय के भवन 2018 में बनकर तैयार हो जाएंगे। जिला मुख्यालय के समीप ग्राम कोलगदहिया में राजकीय महाविद्यालय का निर्माण चल रहा है भवन निर्माण का काम करीब 70 प्रतिशत हो चुका है। बजट की अंतिम किश्त बाकी है जिसकी मांग की गई है। पूरी संभावना है कि यह डिग्री कालेज भी नए साल में तैयार हो जाएगा। यह भी संभावना है कि केंद्रीय विद्यालय के लिए भी भूमि की खोज खत्म हो जाएगी क्योंकि केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य विनोद कुमार का कहना है कि उन्होंने जिला प्रशासन से कहा है कि यदि एक साथ जमीन नहीं मिलती है तो दो टुकड़े में भूमि उपलब्ध करा दी जाए। ताकि प्राथमिक व माध्यमिक ¨वग को अलग-अलग खोल दिया जाए।