लखनऊ : एकेडमिक आडिट से होगा शिक्षकों का मूल्यांकन
हिन्दुस्तान टीम, लखनऊ । प्रदेश के उच्च शिक्षा संस्थानों का शैक्षिक आडिट शुरू कराए जाने से शिक्षकों का मूल्यांकन आसान हो गया है। उच्च शिक्षा विभाग इस योजना से खासा उत्साहित है। उसे उम्मीद है कि इससे शिक्षकों की पढ़ने-पढ़ाने की क्षमता व गुणवत्ता में वृद्धि होगी।
शैक्षिक आडिट की शुरुआत बीते अप्रैल 2017 से ही कर दी गई है, जिसे फिलहाल राज्य विश्वविद्यालयों व राजकीय महाविद्यालयों पर ही लागू किया गया है। हालांकि भविष्य में यह सहायता प्राप्त महाविद्यालयों पर भी लागू होगा। विभाग ने इसके लिए एक विशेष साफ्टवेयर तैयार किया है जो उच्च शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। उच्च शिक्षा विभाग की भी जिम्मेदारी संभाल रहे उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने मार्च 2017 में ही घोषणा की थी कि प्रदेश के सभी उच्च शिक्षा संस्थानों का शैक्षिक आडिट कराया जाएगा।
शैक्षिक आडिट के संबंध में लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा विभाग एवं उच्च शिक्षा परिषद के संयुक्त तत्वावधान में राज्य स्तरीय कार्यशाला भी आयोजित की गई थी। कार्यशाला में बताया गया था कि सभी राज्य विश्वविद्यालयों व राजकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों को अब उच्च शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर स्व मूल्यांकन रिपोर्ट आनलाइन भरनी होगी।
इससे वे विद्यार्थियों की कसौटी पर खरे उतर सकेंगे। कार्यशाला में आए विशेषज्ञों ने जोर देकर कहा था कि शिक्षकों और उच्च शिक्षा संस्थाओं को शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के प्रति अधिक संवेदनशील रहने की जरूरत है। इसी कार्यशाला में उप मुख्यमंत्री ने प्रदेश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता के लिए एकेडमिक काउंसिल का गठन किए जाने की घोषणा भी की थी।