सिद्धार्थनगर : नए साल का आगाज हो चुका, प्राथमिक से लगायत उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी नई उड़ान भरने की तैयारी शुरू कर दी गई
सिद्धार्थनगर : नए साल का आगाज हो चुका है। बीते वर्ष में अधूरे कार्यों को पूरा करने के साथ ही नई योजना व परियोजना को आगे बढ़ाने का संकल्प भी लिया जा रहा है। इसी कड़ी में प्राथमिक से लगायत उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी नई उड़ान भरने की तैयारी शुरू कर दी गई है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में जहां सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने स्वयं ही पहल करते हुए सिद्धार्थ विवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचाने दिलाने का संकल्प लिया है, वहीं हाल में संपन्न नवाचारी शिक्षकों के सम्मेलन के माध्यम से जिले को प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में नया आयाम देने की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान अंतर्गत उच्चीकृत स्कूलों समेत इंटर कालेजों में रिक्त प्रधानाचार्यों, सहायक अध्यापकों, प्रवक्ताओं की कमी को पूरा करने के अलावा राजकीय इंटर कालेजों के बेहतर संचालन पर भी विशेष नजर है। कपिलवस्तु महोत्सव के समापन अवसर पर आए सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने पत्रकारों के सवाल पर कहा कि सिद्धार्थ विवि की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिलाने के लिए प्रयास करेंगे, साथ ही सभी भाषाओं की पढ़ाई सुनिश्चित होने के लिए भी हर स्तर पर कोशिश करेंगे। इसके अलावा बीते 14 दिसंबर को विवि के प्रथम दीक्षा समारोह में आए राज्यपाल व कुलाधिपति राम नाईक ने भी बौद्ध अनुसंधान केंद्र स्थापित करने पर बल दिया गया है। ....... इनसेट.. राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान को गति देने के लिए स्वीकृत पदों के सापेक्ष तैनाती के लिए हर संभव कोशिश करेंगे। इसके लिए शासन स्तर पर सकारात्मक पहल किया जाएगा। इंटर कालेजों में प्रवक्ताओं, सहायक अध्यापकों समेत शिक्षणेत्तर कर्मियों के खाली पड़े पदों को भी भरने की दिशा में कार्ययोजना तैयार करने का निर्णय लिया गया है। जनपद के तीनों राजकीय कन्या इंटर कालेजों को भी गति प्रदान करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे। मल्टीसेक्टोरल डेवलपमेंट योजना अंतर्गत निर्मित राजकीय इंटर कालेजों के संचालन को लेकर भी पैनी नजर है। नए सत्र से विद्यालयों में पठन-पाठ्न के लिए प्रधानाचार्यों की एक विशेष कार्यशाला आयोजित करने पर भी विचार है। डा. राज बहादुर मौर्य जिला विद्यालय निरीक्षक ......... इनसेट.. बीता साल बेसिक शिक्षा विभाग के लिए काफी अहम रहा। जनपद स्थापना दिवस पर आयोजित होने वाले कपिलवस्तु महोत्सव में पहली बार प्रदेश स्तरीय आदर्श शिक्षकों का जमावड़ा हुआ और इसमें उनके प्रयासों की झलक प्रदेश से आए 163 शिक्षकों को समझने के साथ ही साझा करने का अवसर मिला। नये वर्ष में मिशन शिक्षण संवाद सेमिनार में मिली जानकारियों के आधार पर हर माह दो विद्यालयों को माडल के रूप में विकसित करने के लिए खासा रणनीति तैयार की गई है। इन माडल स्कूलों की पहचान प्रदेश में स्थापित हो सके, इसके लिए भरसक प्रयास होंगे। नए वर्ष के साथ ही सत्र में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों, बच्चों की शत-प्रतिशत उपस्थिति के साथ ही सरकारी योजनाओं व कार्यक्रमों का सफल क्रियान्वयन कराना प्राथमिकता में है। कोताही वालों को दंडित व अच्छा कार्य करने वालों को पुरस्कृत करने की भी योजना है। मनिराम ¨सह बेसिक शिक्षा अधिकारी इनसेट.. बेहद अल्प समय में अपने भवन में संचालित हुआ सिद्धार्थ विश्वविद्यालय की बड़ी जरूरत फैकल्टी स्थापना और विविध रिक्त पदों पर नियुक्तियां हैं। इसके लिए प्रभावी प्रयास किए जा रहे हैं। प्रथम दीक्षांत समारोह में आए कुलाधिपति ने भी विश्वविद्यालय प्रशासन को निर्देश दिया है कि अविलंब समस्त संसाधनों की प्राप्ति के लिए उनके स्तर तक लिखापढ़ी की जाए। 2018 में प्रयास है कि न केवल मानव संसाधन की पूर्ति करा ली जाए बल्कि यूजीसी द्वारा अनुमन्य विविध प्रकार के अध्ययन केन्द्रों की भी स्थापना करा ली जाए। बुद्ध दर्शन और काला नमक के अनुसंधान पर वार्षिक सेमिनार श्रृंखला पर भी विचार किया जाएगा। प्रयास यही है कि यह विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नए प्रतिमानों को गढ़ पाए। प्रो.रजनीकांत पांडेय कुलपति सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु