उन्नाव : परिषदीय स्कूलों में बच्चों को बांटे गए स्वेटर की गुणवत्ता और शिक्षा व्यवस्था को परखने के लिए डीएम ने बुधवार को बीईओ के साथ बैठक की
जागरण संवाददाता, उन्नाव : परिषदीय स्कूलों में बच्चों को बांटे गए स्वेटर की गुणवत्ता और शिक्षा व्यवस्था को परखने के लिए डीएम ने बुधवार को बीईओ के साथ बैठक की। वितरण रिपोर्ट तलब करते हुए मानकों के तहत कार्रवाई पूरी करने के आदेश उन्होंने दिए। ब्लाक स्तर पर पोषण मिशन के तहत गोद लिए गए गांवों के स्कूलों को 'आदर्श' बनाए जाने के लिए भी निर्देशित किया।
गौरतलब है कि स्वेटर वितरण की प्रक्रिया लेट होने की वजह से शासन ने जिला प्रशासन को इसकी कमान सौंपी थी। कमेटी बनाकर कार्रवाई पूरी करने के आदेश थे। प्रशासन ने स्कूल स्तर से वितरण प्रारंभ कराया तो यहां मनमानी शुरू हो गई। नौ जनवरी के अंक में जागरण ने 'स्वेटर वितरण में शुरू हुआ बंदरबांट' खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद स्वेटर का हिसाब लेना शुरू कर दिया गया। बुधवार को डीएम रवि कुमार एनजी ने समस्त ब्लाक के बीईओ के साथ समीक्षा बैठक की। स्वेटर की गुणवत्ता की जानकारी ली। खराब गुणवत्ता या मानक के वितरीत स्वेटर मिलने पर कार्रवाई तय होगी। यहां किसी प्रकार की जवाबदेही भी तय नहीं होगी। उधर, पोषण मिशन के तहत गोद लिए गांवों के स्कूलों को 'आदर्श' बनाए जाने के आदेश भी किए हैं।
सफाई नहीं मिली तो वेतन रुकेगा
स्कूलों की साफ-सफाई को लेकर डीएम ने एडीओ पंचायत को आदेशित किया है कि वह सफाई व्यवस्था शुक्रवार से सुनिश्चित करें। ढर्रा नहीं सुधरा तो कार्रवाई की जाएगी। सफाई कर्मियों के गैर हाजिर होने या लापरवाह रवैया मिलने पर वेतन रोक दिया जाएगा। ब्लाक और तहसील स्तर पर यह कवायद होनी चाहिए।
तीन वर्षों की रिपोर्ट मांगी गई
परिषदीय स्कूलों में बच्चों की संख्या की बढ़ोत्तरी हुई है या नहीं। इसका सच जानने के लिए तीन वर्षों का रिपोर्ट तलब की गई है। ड्रॉप आउट बच्चों का भी आंकड़ा मांगा गया है। इन बच्चों को वापस स्कूल में लाने की क्या- क्या कोशिशें हुई, इसे रिपोर्ट में शामिल करने के आदेश बीईओ को हुए हैं।