सम्भल : घनचक्कर बन गई पुलिस व शिक्षा विभाग
सम्भल: नखासा थाना क्षेत्र में सात माह पहले अपने प्रेमी के साथ फरार युवती को लेकर पुलिस ही नहीं शिक्षा विभाग भी घनचक्कर बन चुका है। युवती के पिता का दावा है कि मेरी दो बेटी हमनाम थीं। एक की मौत हो चुकी है जबकि दूसरी नाबालिग है जो किसी के साथ चली गई। वहीं अपने को बालिग दिखाने के लिए युवती ने भी कमर कस ली है और सरकारी स्कूल से अपनी टीसी मांग ली है। जबकि पिता ने दावा किया है कि सरकारी स्कूल में पढने वाली उसकी बेटी मर चुकी है। यह पूरा मामला बालिग व नाबालिग का है। पिता का दावा है कि घर से जाने वाली उसकी बेटी नाबालिग है जबकि बेटी का दावा है कि वह बालिग है। इस परिवार के खेल में शिक्षा विभाग, नखासा थाना की पुलिस पूरी तरह घूम घूम कर घनचक्कर बन चुकी है।
नखासा थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी ग्रामीण की बेटी सात माह पहले प्रेमी के साथ फरार हो गई थी। युवती के पिता ने पुलिस को तहरीर देकर नाबालिग बेटी का अपहरण करने का आरोप लगाया था। इसके बाद युवती यह कहते हुए कोर्ट पहुंच गई कि मैं नाबालिग नहीं बालिग हू और मैने अपनी मर्जी से शादी कर ली है। युवती के पिता ने एक प्राइवेट स्कूल के कागज लगाते हुए पुलिस को बताया कि मेरी बेटी नाबालिग है। इसके बाद प्राइवेट स्कूल से युवती का ब्यौरा मांगा गया तो बेटी ने आपत्ति दर्ज कराई कि मैं प्राइवेट स्कूल में नहीं बल्कि गांव के प्राथमिक विद्यालय में पढ़ी हूं। ऐसे में युवती ने एसडीएम, खंड शिक्षा अधिकारी, विद्यालय के शिक्षकों को प्रार्थना पत्र देते हुए टीसी देने की मांग की। यह जानकारी जब युवती के पिता को चली तो उसने एसडीएम और खंड शिक्षा अधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर कहा कि मेरी दो बेटी थी और एक की वर्ष 2010 में मौत हो चुकी है। दोनों बेटियों का नाम एक है। युवती के पिता ने प्रार्थना पत्र के साथ अधिकारियों को बेटी का मृत्यु प्रमाण पत्र भी दिया है। अब पिता का कहना कि मेरी बेटी मर चुकी है। जबकि युवती कह रही हैं कि मैं ¨जदा हूं और मुझे टीसी दी जाए। इसी बात को लेकर अधिकारी भी परेशान हैं कि किसकी बात को सच माना जाए। खंड शिक्षा अधिकारी सुनील कुमार सक्सेना ने बताया कि मामले की जांच चल रही है। जांच से पहले कुछ नहीं बताया जा सकता। क्योंकि यह जांच का विषय हैं कि कौन सच बोल रहा है।