लखनऊ : दूरस्थ शिक्षा वाले प्रधानाचार्यों पर कार्रवाई लंबित
हिन्दुस्तान टीम, लखनऊ । आईटीआई में दूरस्थ शिक्षा से डिग्री हासिल कर प्रमोशन पाने वाले अनुदेशकों पर कार्रवाई दो महीने बीत जाने के बाद भी लंबित बनी हुई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद आईटीआई निदेशालय ने अभी तक किसी एक के खिलाफ भी कार्रवाई नहीं की है।
सुप्रीम कोर्ट ने दूरस्थ शिक्षा से डिग्री हासिल करने वालों की डिग्री को अमान्य कर दिया था और ऐसे प्रमोशन पाने वाले अनुदेशकों को तत्काल प्रभाव से प्रधानाचार्य के पद से वापस करते हुए अनुदेशक बनाने के आदेश जारी किए थे। वहीं, इन सभी के पदों पर रहते हुए मिलने वाले लाभों को भी तुरंत खत्म किए जाने के आदेश जारी हुए थे। बावजूद इसके आईटीआई निदेशालय अभी तक किसी एक पर भी कार्रवाई नहीं कर सका है।
जानकारी के अनुसार आईटीआई निदेशालय ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद गत 14 नवंबर 2017 को सभी संयुक्त निदेशकों(शिशिक्षु/प्रशिक्षण) को पत्र जारी कर ऐसे अनुदेशकों का ब्यौरा मांगा था। इसके बाद अनुदेशकों को जमावड़ा भी निदेशालय में लग गया था। सभी अनुदेशकों को अपने प्रपत्रों को 20 नवंबर तक निदेशालय में जमा करने की चेतावनी मिली थी, लेकिन किसी एक ने भी अपने प्रपत्रों को निदेशालय नहीं पहुंचाया और मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद निदेशालय इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है और दूरस्थ शिक्षा से डिग्री हासिल कर प्रमोशन पाकर प्रधानाचार्य बने अनुदेशक अपने पदों का मजे से लाभ उठा रहे हैं। वहीं, प्रदेश भर से ऐसे 23 अनुदेशक चिन्हित हुए थे, जबकि निदेशालय ने मात्र 20 ऐसे अनुदेशकों की ही सूची जारी की थी, जिसमें भी अभी तक कोई सुधार नहीं किया गया है।