फर्रुखाबाद : मिड-डे मील की परिवर्तन लागत मिलने की उम्मीद में महीना दर महीना बीत रहा है, पांच माह की धनराशि बकाया हो गई।
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फर्रुखाबाद : मिड-डे मील की परिवर्तन लागत मिलने की उम्मीद में महीना दर महीना बीत रहा है। पांच माह की धनराशि बकाया हो गई। इससे भोजन की गुणवत्ता पर तो बन ही आयी है, कई विद्यालयों में एमडीएम बनना बंद हो गया है। मध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने 43 स्कूलों में भोजन न बनने पर जवाब मांगा है।
जिले के 1988 विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना चल रही है। चालू वित्तीय वर्ष के तीन व गत वर्ष के दो माह की परिवर्तन लागत, फल वितरण धनराशि व रसोइया मानदेय स्कूलों में नहीं पहुंचा। इससे मैन्यू व गुणवत्ता पर संकट है। कुछ स्कूलों ने खाना बनाना भी बंद कर दिया है। मध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने नगर क्षेत्र के 15 व ग्रामीण इलाके के 28 विद्यालयों में मिड-डे मील न बनने पर रिपोर्ट मांगी है। कमालगंज क्षेत्र के एक विद्यालय में दो माह से भोजन न बनाए जाने की शिकायत है। एमडीएम प्रभारी खंड शिक्षा अधिकारी बेगीश गोयल ने बताया कि खाना न बनने वाले 43 स्कूलों की सूची आयी है। इनमें 23 दिसंबर को एमडीएम न बनने की शिकायत है। इस संबंध में रिपोर्ट मांगी गई है।