लखनऊ : अब प्रदेश के विश्वविद्यालयों में भी पढ़ाएंगे रिटायर शिक्षक, फैसले से दूर होगी शिक्षकों की कमी
लखनऊ : राज्य विश्वविद्यालयों से रिटायर हो चुके 70 वर्ष तक की उम्र के शिक्षकों को मानदेय पर नियुक्त किया जाएगा। कैबिनेट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालयों में रिक्त शैक्षणिक पदों को मानदेय के आधार पर सेवा निवृत्त शिक्षकों से भरे जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। साथ ही महाविद्यालयों में अध्यापनरत सेवानिवृत्त शिक्षकों का निर्धारित मानदेय बढ़ाने का भी फैसला किया है। अशासकीय सहायताप्राप्त महाविद्यालयों में रिटायर्ड शिक्षकों को मानदेय पर रखने की व्यवस्था पहले से लागू है। मंगलवार को लोकभवन में हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई। प्रमुख सचिव सूचना अवनीश अवस्थी ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालयों में रिक्त शैक्षणिक पदों पर मानदेय के आधार पर सेवानिवृत्त शिक्षकों से अध्यापन कार्य लिए जाने का प्रस्ताव है। इसके साथ ही सहायता प्राप्त अशासकीय स्नातक एवं स्नातकोत्तर महाविद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों के सापेक्ष मानदेय के आधार पर सेवानिवृत्त शिक्षकों से अध्यापन कार्य के लिए मानदेय बढ़ाया जाएगा। अब तक 25 नवंबर, 2013 के शासनादेश द्वारा निर्धारित मानदेय दिया जाता रहा है।
फैसले से दूर होगी शिक्षकों की कमी : इस फैसले से राज्य विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के लिए शिक्षकों की कमी दूर होगी और इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा। प्रदेश के 15 राज्य विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के कुल सृजित पदों में से लगभग 45 फीसद पद खाली हैं। असिस्टेंट प्रोफेसर के 1179 सृजित पदों में से 444, एसोसिएट प्रोफेसर के 447 में से 224 और प्रोफेसर के 252 में से 175 पद खाली हैं