सिद्धार्थनगर : अवैध कब्जे के प्रति गांव में चौपाल लगाने के उद्देश्य से निकले जिलाधिकारी के सामने एक प्राथमिक विद्यालय में चल रहे फर्जीवाड़े की पोल ही खुल गई, शिक्षकों, शिक्षा मित्रों पर मुकदमा
सिद्धार्थनगर : अवैध कब्जे के प्रति गांव में चौपाल लगाने के उद्देश्य से निकले जिलाधिकारी के सामने एक प्राथमिक विद्यालय में चल रहे फर्जीवाड़े की पोल ही खुल गई। संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी से स्कूल में तैनात सभी शिक्षकों पर मुकदमा किए जाने का निर्देश दे दिया। जिसके अनुपालन में विभाग ने कोतवाली में तहरीर दे दी है जिसपर पुलिस कार्रवाई में जुट गई है।
मंगलवार को खेसरहा ब्लाक के सेखुई गांव से चौपाल कार्यक्रम उपरांत गुल्हरिया गांव जा रहे जिलाधिकारी कुणाल सिलकु व पुलिस अधीक्षक डा. धर्मवीर रास्ते में मिठवल विकास खंड के प्राथमिकक विद्यालय लमुही पर धमक पड़े। दोपहर 2.30 बजे स्कूल में एक भी छात्र नहीं मिला। डीएम ने स्कूल में मौजूद शिक्षा मित्र प्रेमलता, कनक श्रीवास्तव व संजय कुमार से स्कूल में तैनाती के संबंध में तहकीकात करते हुए छात्र उपस्थिति पंजिका, अध्यापक पंजिका व पत्र व्यवहार पंजिका की मांग कर दी। शिक्षा मित्र संजय कुमार दिखाने से आनाकानी करते हुए कहा कि सब ताले में बंद है और चाभी प्रभारी प्रधानाध्यापक छेदी राम के पास हैं जो कम्हरिया में तैनात है। थोड़ा कड़े होने पर शिक्षा मित्र ने किसी तरह अभिलेख वाले कक्ष का ताला खोला और सभी पंजिका को उपलब्ध कराया। अध्यापक उपस्थिति पंजिका के अवलोकन में डीएम ने पाया कि सहायक अध्यापिका श्वेता दूबे के हस्ताक्षर बीते 19 जनवरी तक ही बने हुए हैं परंतु अध्यापक नाम वाले कालम में नाम एवं पदनाम अंकित नहीं है। पूछताछ में शिक्षा मित्र ने बताया कि उक्त अध्यापिका के हस्ताक्षर उनके पति द्वारा बनाये जाते हैं। इसी प्रकार छात्र पंजिका भी अपडेट नहीं मिली। इससे जिलाधिकारी ने इस पूरे गोलमाल में सभी शिक्षा मित्र सहित प्रभारी प्रधानाध्यापक को दोषी मानते हुए सभी पर मुकदमा पंजीकृत किए जाने खंड शिक्षा अधिकारी पंकज कुमार मौर्य को निर्देशित कर दिया। प्रकरण से संबंधित तहरीर पर पुलिस मुकदमा लिखे जाने की तैयारी कर रही है।