इलाहाबाद : इधर पदोन्नति आदेश, उधर प्रमोशन मांगने पर निलंबन, बेसिक शिक्षा महकमे में एक ही मांग पर अफसरों के दो तरह के चेहरे आए सामने
इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा महकमे में एक ही मांग पर अफसरों के दो तरह के चेहरे सामने आए हैं। लखनऊ में शिक्षकों की मांग पर अंतर जिला तबादले से पहले पदोन्नति करने की तैयारी शुरू हो गई है, वहीं कानपुर देहात में पदोन्नति की मांग करने वाले तीन शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है। आरोप है कि उन्होंने इलाहाबाद व लखनऊ के बड़े अफसरों के दफ्तरों में जाकर अभद्रता की और शिक्षक आचरण के विरुद्ध कार्य किया है।
इन दिनों परिषद में अंतर जिला तबादला प्रक्रिया शुरू हुई है, आने वाले दिनों में दूसरे जिले के शिक्षक आने से अधिकांश पद भर जाएंगे। ऐसे में जिन जिलों में पदोन्नति नहीं हो सकी है, वहां तबादला आदेश जारी होने से पहले ही शिक्षक प्रमोशन चाहते हैं। लखनऊ में शिक्षकों की मांग पर अपर शिक्षा निदेशक बेसिक रूबी सिंह ने 24 जनवरी को पदोन्नति के लिए बैठक कराने का आदेश जारी किया है। इसके उलट कानपुर देहात के भी चार शिक्षकों ने यह मांग बीएसए कार्यालय से लेकर इलाहाबाद में परिषद सचिव व लखनऊ के अफसरों से की। कानपुर देहात के बीएसए पवन कुमार ने इस मामले में बेसिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अखिलेश कुमार यादव व दो अन्य शिक्षकों को निलंबित कर दिया है।
खास बात यह है कि एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अखिलेश व निलंबित अन्य दोनों शिक्षक इलाहाबाद व लखनऊ नहीं गए थे। सोशल मीडिया पर एक ऑडियो वायरल हुआ है जिसमें चार अन्य शिक्षकों ने स्वीकार किया है कि वह पदोन्नति की मांग करने इलाहाबाद व लखनऊ गए थे लेकिन, अफसरों से अभद्रता या फिर अन्य किसी तरह की घटना ही नहीं हुई। इससे शिक्षकों में आक्रोश है। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र कुमार यादव ने कहा है कि पदोन्नति की मांग करना अपराध नहीं है और बिना जांच किए ही दंड दिया जा रहा है।