एटा : बिना आवंटन डीएलएड प्रवेश देने वालों की आएगी शामत।
जागरण संवाददाता, एटा : डीएलएड कालेजों ने अभ्यर्थियों को प्रवेश देने में भी नियम, कायदे ताक पर रख दिए। नई व्यवस्था के तहत सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी स्तर से पात्र अभ्यर्थियों का आवंटन किया गया, लेकिन कुछ ने तो बिना आवंटन पत्र जारी हुए ही खाली सीटों को अपने स्तर से प्रवेश कर पूरा कर लिया। कुछ इसी तरह की शिकायतें मिलने के बाद अब जिले के कालेजों में प्रवेश का ब्योरा मांगा गया है। मनमानी करने वाले कालेजों की शामत आना तय है।
हुआ यह कि डीएलएड सत्र 2017 के लिए इस बार अभ्यर्थियों के कालेज आवंटन का पूरा जिम्मा जिला स्तर पर न होकर सीधे ऑनलाइन सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी द्वारा कराया गया। पात्रता के आधार पर तथा अभ्यर्थियों द्वारा कालेज आवंटन के लिए दिए गए विकल्प के ²ष्टिगत ऑनलाइन ही कालेजों का आवंटन किया गया। शुरुआत में तो सब कुछ ठीक चलता रहा, लेकिन अंतिम समय जब कुछ कालेजों में सीटें रिक्त रह गईं और प्रवेश पाने वाले अभ्यर्थी कतार में लगे थे। ऐसे में फिर से परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने कुछ कालेजों के लिए अभ्यर्थियों का आवंटन कर उनके प्रवेश कराने के निर्देश दिए। इसी दरम्यान कुछ कालेजों ने अपने यहां भी सीटें भरने के लिए बिना किसी निर्देश या आवंटन पत्र बिना ही कई अभ्यर्थियों को प्रवेश दे डाला।
इस तरह के मामलों को लेकर प्रदेश के कई जिलों से शासन स्तर तक शिकायतें की गईं। तो अब सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी द्वारा सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान को कालेजों में प्रवेश के ब्योरे की जांच तथा कालेजों से मोहर ¨सह डिग्री कालेज बसुंधरा, आरएन डिग्री कालेज घिलौआ, आदर्श जनता महाविद्यालय गिरौरा को छोड़कर अन्य से इस बात का प्रमाण पत्र मांगा है कि उन्होंने आवंटित अभ्यर्थियों के अलावा किसी भी अभ्यर्थी का प्रवेश नहीं किया है। यह प्रमाण पत्र पटल प्रभारी को 20 जनवरी तक देना होगा। अन्यथा बिना आवंटन प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थियों के सामने दिक्कतें खड़ी होंगी और कालेजों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। डायट प्राचार्य मनोज कुमार गिरि ने कहा कि कालेजों द्वारा अभ्यर्थियों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा।