गोण्डा : बाल संसद में उठेंगे मुद्दे, समस्याओं का निकलेगा हल
गोंडा : राज्यसभा व लोकसभा की तर्ज पर परिषदीय स्कूल में संसद का गठन होगा, जहां छात्र अपनी समस्याओं पर चर्चा करेंगे। उसके निस्तारण की योजना बनाएंगे। स्कूल में किसी प्रकार की अनियमितता या एमडीएम में गड़बड़ी पर अफसरों को अवगत कराएंगे। अध्यापकों को चुनाव कराने का निर्देश दिया गया है, जिसमें निर्वाचित प्रधानमंत्री, मंत्रिमंडल व सदस्यों को अधिकारों व कर्तव्यों के लिए प्रशिक्षित करने का निर्देश दिया गया है। वह विचार विमर्श कर समस्याओं का समाधान खोज सकें। बेसिक शिक्षा विभाग को परिषदीय स्कूलों में अध्ययनरत छात्रों का सामाजिक विकास करना है। उन्हें लोकत्रांतिक मूल्यों को समझाते हुए समस्याओं के निदान का तरीका सिखाना जाना है। इसके लिए विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रमों के साथ ही बाल संसद गठित की जा रही है, जिसमें छात्र आपस में संवाद करेंगे। शैक्षिक समस्याओं पर मिलकर चर्चा करेंगे। स्वयं ही उसका हल ढूढ़ेंगे। इससे अध्यापकों को राहत मिलेगी। वहीं उनमें सामुदायिक सहभागिता का भाव जगेगा। छात्र को किसी प्रकार की परेशानी होने पर वह प्रधानमंत्री, मंत्रि परिषद से अपनी बात कह सेकेंगे। अध्यापक के पढ़ाए विषय को समझने में दिक्कत होने पर एक दूसरे से बात करके उसे हल कर लेंगे। अध्यापकों को संसद गठन के लिए चुनाव कराने का निर्देश दिया गया है।
- प्रधानाध्यापकों को बाल संसद गठित कराने का निर्देश दिया गया है। कुछ विद्यालयों में गठन होने की बात कही जा रही है। सभी से रिपोर्ट मांगी गयी है। प्रशिक्षण देकर छात्रों को मूल्यों का बोध कराया जाएगा।
- संतोष कुमार देव पांडेय, बीएसए