अमेठी : जवाहर नवोदय विद्यालय के छात्र अभय प्रताप सिंह की हत्या के मामले में पुलिस के शक की सुई विद्यालय के इर्दगिर्द ही घुम रही
अमेठी : जवाहर नवोदय विद्यालय के छात्र अभय प्रताप सिंह की हत्या के मामले में पुलिस के शक की सुई विद्यालय के इर्दगिर्द ही घुम रही है। हत्या के समय अभय के मोबाईल की लोकेशन विद्यालय में ही मिल रही है। यही नहीं अभय के पास उसके पिता द्वारा दिया गया सामान्य हैंडसेट था। जबकि सर्विलांस टीम की माने तो अभय का सिमकार्ड कई स्मार्ट फोन में भी चलाया गया है। जिससे इंटरनेट का इस्तेमाल भी हुआ है। पुलिस की जांच में एक के बाद एक कड़ी विद्यालय से ही जुड़ती नजर आ रही है।
-नवोदय ने ठानी, न चेते हैं न चेतेंगे
शुक्रवार को गौरीगंज थानाध्यक्ष दीपेंद्र सिंह परिजनों के साथ घटना स्थल रेलवे लाइन से लेकर जवाहर नवोदय विद्यालय तक पैदल ही चलकर तहकीकात की, लोगों से सवाल-जबाव के साथ उन रास्तों को भी देखा व समझा। जिन रास्तों से नवोदय विद्यालय से अभय को बाहर लाया गया होगा। जिसमें अभय को विद्यालय से किसने व कैसे रेलवे ट्रैक तक लाया। विवेचना में जुटी टीम के साथ अभय के परिजन व मीडिया से जुड़े लोग पैदल चलते हुए नवोदय की उत्तरी दीवार फांद कैंपस में दाखिल हो गए और अभय के हाउस में एक घंटे से अधिक का समय बिताया और सहपाठियों से पूछताछ भी की। हालांकि अभय हत्याकांड को सुलझाने में लगी पुलिस को अभी तक कोई ठोस साबूत नहीं मिल पाया है। पूरी जांच टीम विद्यालय के शैक्षणिक भवन से होते हुए मुख्य द्वार से बाहर आ गए, लेकिन न ही विद्यालय का कोई स्टाप मिला, न ही कोई यह जानने की कोशिश ही की, कि कौन लोग दीवार फांद कर कैंपस में दाखिल हुए हैं। थानेदार ने अभय के साथ हास्टल में रहने वाले सभी सहपाठियों को थाना मुख्यालय आने को कहा और प्रवेश द्वार पर रखे रजिस्टर पर बाहर निकलने की बात लिखी। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि इतने बड़े हादसे के बाद भी नवोदय विद्यालय प्रशासन अपनी संवेदनहीनता छोड़ने को आखिर क्यों तैयार नहीं। जबकि छात्र अभय के कैंपस से बाहर आने की वजह से विद्यालय के प्रधानाचार्य सहित चार लोग निलंबित हो चुके हैं।